Thursday, November 21, 2024
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Janmashtami 2024 Date: कब है जन्माष्टमी? कितने बजे मनाया जाएगा लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और भोग

जन्माष्टमी का पावन पर्व भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, उस समय चंद्रमा वृषभ राशि में था। इसी कारण से हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। उस दिन व्रत रखा जाता है और मध्य रात्रि में भगवान लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया जाता है। आइए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्रा से जानते हैं कि इस साल जन्माष्टमी कब है? जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त, मंत्र, भोग और तिथि क्या है?

जन्माष्टमी 2024 कब है?

वैदिक पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 3:39 बजे शुरू होगी। यह तिथि 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को है।

जन्माष्टमी 2024 मुहूर्त

26 अगस्त, सोमवार को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 12:01 AM से 12:45 AM तक है। यह निशिता मुहूर्त है। इस साल लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव के लिए 45 मिनट का शुभ समय है। पूरे दिन व्रत रखा जाएगा और फिर रात में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी 2024 पूजा मंत्र

जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए आप दो मंत्रों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये मंत्र नीचे दिए गए हैं।

1. ओम नमो भगवते वासुदेवाय।

2. ओम कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नमः।

सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी जन्माष्टमी

इस साल जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 3:55 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त को सुबह 5:57 बजे तक रहेगा। ऐसे में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी भोग

भगवान लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग बहुत पसंद है। इस कारण जन्माष्टमी के दिन बाल कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं। इसके अलावा आप केसर वाला घेवर, पेड़ा, मखाने की खीर, रबड़ी, मोहनभोग, रसगुल्ला, लड्डू आदि का भोग लगा सकते हैं।

जन्माष्टमी का महत्व

इस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी का महत्व है। इसके अलावा निःसंतान दंपत्तियों के लिए जन्माष्टमी का पर्व बहुत महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है कि जिन लोगों को निःसंतानता है उन्हें जन्माष्टमी के दिन व्रत रखना चाहिए और लड्डू गोपाल की पूजा करनी चाहिए। उनकी कृपा से उस व्यक्ति को संतान की प्राप्ति हो सकती है।

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