कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इंफोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए यह नोटिस जारी किया है।
देश और दुनिया की अग्रणी आईटी कंपनी इंफोसिस को जीएसटी अधिकारियों ने 2017 से पांच साल के लिए कंपनी द्वारा अपनी विदेशी शाखाओं से ली गई सेवाओं के लिए 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। इंफोसिस ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में इस नोटिस को ‘प्री-शो कॉज’ नोटिस बताया। कंपनी ने कहा कि उसका मानना है कि इन खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं है। भाषा की खबर के मुताबिक, बेंगलुरु मुख्यालय वाली आईटी फर्म ने कहा कि कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इंफोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए 32,403 करोड़ रुपये के जीएसटी के भुगतान के लिए प्री-शो कॉज नोटिस जारी किया है। कंपनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है।
कंपनी इस पर जवाब देने की प्रक्रिया में है
खबरों के अनुसार, फाइलिंग में कहा गया है कि कंपनी को इसी मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक से प्री-शो कॉज नोटिस मिला है और कंपनी इसका जवाब देने की प्रक्रिया में है। कंपनी का मानना है कि नियमों के अनुसार, ऐसे खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है। इंफोसिस ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा हाल ही में जारी एक परिपत्र के अनुसार, भारतीय इकाई को विदेशी शाखाओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जीएसटी के अधीन नहीं हैं। इंफोसिस ने तर्क दिया कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए पात्र हैं।
इंफोसिस ने यह तर्क दिया
कंपनी ने तर्क दिया कि इंफोसिस ने अपने सभी जीएसटी बकाए का भुगतान कर दिया है और इस मामले में केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों द्वारा इंफोसिस को भेजे गए दस्तावेज में कहा गया है- विदेशी शाखा कार्यालयों से आपूर्ति प्राप्त करने के बदले में, कंपनी ने विदेशी शाखा व्यय के रूप में शाखा कार्यालयों को प्रतिफल का भुगतान किया है। इसलिए, मेसर्स इंफोसिस लिमिटेड, बेंगलुरु को 2017-18 (जुलाई 2017 से) से 2021-22 की अवधि के लिए भारत के बाहर स्थित शाखाओं से प्राप्त आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत 32,403.46 करोड़ रुपये की आईजीएसटी राशि का भुगतान करना है।
जीएसटी नोटिस इंफोसिस के एक साल के मुनाफे से अधिक है
बेंगलुरु में जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशालय का मानना है कि इंफोसिस ने सेवाओं के प्राप्तकर्ता के रूप में सेवाओं के आयात पर एकीकृत-जीएसटी (आईजीएसटी) का भुगतान नहीं किया। इसका आरोप है कि इंफोसिस ने भारत के बाहर शाखा कार्यालय स्थापित किए और इन पर किए गए व्यय को अपने निर्यात चालान के हिस्से के रूप में शामिल किया। 32,403 करोड़ रुपये की मांग इंफोसिस के एक साल के मुनाफे से अधिक है। जून तिमाही में इंफोसिस का शुद्ध लाभ साल-दर-साल 7.1 प्रतिशत बढ़कर 6,368 करोड़ रुपये हो गया और परिचालन से राजस्व 39,315 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 3.6 प्रतिशत अधिक है। जीएसटी की मांग भी दिलचस्प है, क्योंकि इन्फोसिस वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल का प्रबंधन करती है।