भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी अब एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो रही है। यानी इसका दायरा अब और भी व्यापक होने जा रहा है। चीन और पाकिस्तान जैसे भारत के दुश्मनों को जाहिर तौर पर यह खबर पसंद नहीं आएगी। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच यह दोस्ती दोनों देशों की ताकत को और बढ़ाएगी।
वाशिंगटन: भारत और अमेरिका ने अब व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका अब मिलकर दुनिया की दिशा तय करेंगे। दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच यह साझेदारी काफी अहम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाशिंगटन की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच दो बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। सिंह दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ावा देने के लिए अमेरिका आए हैं।
बृहस्पतिवार को हस्ताक्षरित ये समझौते सुरक्षा व्यवस्था आपूर्ति (एसओएसए) और संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में समझौता ज्ञापन से संबंधित हैं। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान वाशिंगटन में दो महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों पक्षों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था आपूर्ति (एसओएसए) और संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।’’ सिंह बृहस्पतिवार को अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे।
भारत और अमेरिका में गहरी हुई दोस्ती
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद से ही दोनों देशों के बीच दोस्ती और गहरी होती जा रही है। अमेरिका के रक्षा विभाग ने एक बयान में कहा कि एसओएसए समझौते के जरिए अमेरिका और भारत, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए पारस्परिक प्राथमिकता समर्थन प्रदान करने पर सहमत हैं। इसके तहत दोनों देश राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के मद्देनजर अप्रत्याशित आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को हल करने के लिए एक दूसरे से आवश्यक औद्योगिकी संसाधन प्राप्त कर सकेंगे।
एसओएसए पर अमेरिका की ओर से रक्षा विभाग के प्रधान उप सहायक सचिव डॉ.विक रामदास और रक्षा मंत्रालय की ओर से अतिरिक्त सचिव एवं महानिदेशक (अधिग्रहण) समीर कुमार सिन्हा ने हस्ताक्षर किए। रामदास ने कहा, ‘‘ये समझौते अमेरिका-भारत के बीच प्रमुख रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण कड़ी को दर्शाते हैं और यह अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कारक होगा।