हमास के पॉलिटिकल प्रमुख इस्माइल की हत्या के बाद ईरान ने इजराइल में बदलाव की धमकी दी है। हालाँकि इज़रायल ने न तो इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है और न ही इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है। लेकिन माना जा रहा है कि इस्माइल नुकसानिया की हत्या में इजराइल में संशोधन की कार्रवाई की जा रही है। ऐसा भी माना जा रहा है कि इसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गुप्त एजेंसी मोसाद ने अंजाम दिया है. इस्माइल बर्बादया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ था, उसी समय मोसाद ने ईरान की राजधानी तेहरान में उसे मार डाला। ईरान ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का मामला बना लिया है, क्योंकि इसने अपनी जमीन पर हमला कर दिया है। ऐसी स्थिति में अगर ईरान और इजराइल के बीच जंग कूड़ा है तो जानिए किसका पलड़ा भारी होगा।
ईरान के पास हैं बड़ी संख्या में सैनिक
अगर दोनों देशों की सैन्य सेनाओं की तुलना की जाए तो संख्या बल के खाते से ईरान के पलाड़ा पर भारी नजर आती है। अगर दोनों देशों के सक्रिय सैनिकों की बात की जाए तो इजराइल के पास एक लाख, 70,000 सैन्य बल है। वहीं ईरान इस मामले में बहुत आगे है. उनके पास 6 लाख, 10,000 सैनिक हैं। लेकिन जब रिजर्व सैनिकों की बात आती है तो इजराइल आगे निकल जाता है। इजराइल के पास 4 लाख, 65,000 रिजर्व सैनिक हैं, तो ईरान के पास 3 लाख, 50,000 रिजर्व सैनिक हैं। पैरामिलिट्री के मामले में भी ईरान को बड़ी बढ़त हासिल हुई है। ईरान के पास 2 लाख, 20,000 हज़ार की पैरामिलेट्री है तो इज़रायल के पास लगभग 35,000 हज़ार है।
किसके पास कितने टैंक हैं?
अगर सेना की ताकत का आकलन करें तो कुछ मामलों में इजराइल आगे है तो कुछ में ईरान। अगर टैंकों की बात करें तो इजराइल के पास 1370 टैंक हैं। वहीं ईरान के पास इनकी संख्या 1996 है। यानी टैंकों के मामले में ईरान काफी मजबूत है। वाहनों के मामले में भी ईरान आगे है। उसके पास 65,765 वाहन हैं जबकि इजराइल के पास 43,407 वाहन हैं। सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी में दोनों देश लगभग बराबर हैं। इजराइल के पास 650 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी हैं जबकि ईरान 580 के साथ थोड़ा पीछे है। लेकिन रॉकेट आर्टिलरी की बात करें तो ईरान 775 के साथ मीलों आगे है। इजराइल के पास सिर्फ 150 रॉकेट आर्टिलरी हैं।
दोनों में से किसका एयरफोर्स बेड़ा ज्यादा मजबूत है?
अगर दोनों देशों की एयर पावर की तुलना की जाए तो कुछ मामलों में इजराइल ईरान पर बढ़त बनाए हुए है। इजराइल के पास 612 विमान हैं जबकि ईरान के पास 551 हैं। इजराइल के पास 241 लड़ाकू विमान हैं जबकि ईरान के पास 186 हैं। इजराइल के पास 23 विशेष मिशन विमान हैं जबकि ईरान के पास केवल 10 हैं। इजराइल के पास 155 प्रशिक्षक विमान हैं जबकि ईरान के पास 102 हैं। इजराइल के पास 14 टैंकर बेड़े हैं जबकि ईरान के पास केवल सात हैं। इजराइल के पास पर्याप्त संख्या में हेलीकॉप्टर बेड़े भी हैं। इजराइल के पास 146 हेलीकॉप्टर हैं जबकि ईरान के पास 129 हेलीकॉप्टर हैं। इजराइल के पास 48 लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं जबकि ईरान के पास 13 हैं।
नौसेना में कहीं आगे तो कहीं पीछे
आपने ईरान और इजराइल के बीच थल और वायु सेना की ताकत का जायजा लिया। अब नौसेना की बात आती है। इसमें भी कहीं ईरान का पलड़ा भारी है तो कहीं इजराइल का। ईरान के पास सात फिग्रेट हैं जबकि इजराइल के पास एक भी नहीं है। इजराइल के पास सात कोरवेट हैं जबकि ईरान के पास तीन हैं। ईरान के पास 19 पनडुब्बियां हैं जबकि इजराइल के पास केवल पांच पनडुब्बियां हैं। इजराइल के पास 45 पेट्रोल पोत हैं जबकि ईरान के पास 21 हैं। ईरान के पास एक समुद्री युद्ध पोत है जबकि इजराइल के पास कोई नहीं है।
ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया से तनाव बढ़ा
ईरान ने इस्माइल हनिया की मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने इस हत्या के लिए सीधे तौर पर इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इस्माइल हनिया की मौत का बदला लेना हमारा कर्तव्य है। इस्माइल हनिया हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख थे। 2006 में जब हमास ने चुनाव जीता तो वे फिलिस्तीनी सरकार के प्रधानमंत्री बन गए। चूंकि इस्माइल हनिया की हत्या के समय वे तेहरान में थे, इसलिए दूसरे देशों ने भी इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है। इन देशों का मानना है कि इससे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ सकता है।