सावित्री जिंदल, किरण मजूमदार शॉ, फाल्गुनी नायर, इंदिरा नूयी, सुधा मूर्ति, विनीता सिंह, नमिता थापर जैसी महिलाओं के बारे में आपने बहुत कुछ पढ़ा और सुना होगा। ये सभी महिलाएं भारतीय व्यापार जगत में ऊंचा स्थान रखती हैं। लेकिन सच ये भी है कि भारत में और भी कई महिलाओं ने बड़े-बड़े कारोबार स्थापित किए हैं और चला रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने महज 20,000 रुपये के निवेश से काम शुरू किया और आज उनकी कंपनी का मार्केट कैप 8,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है।
हम बात कर रहे हैं रजनी बेक्टर की। वे मिसेज बेक्टर फूड स्पेशियलिटी लिमिटेड की संस्थापक और मानद चेयरपर्सन हैं। व्यापार जगत में उनका स्थान इतना ऊंचा है कि 2021 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ये अलग बात है कि क्रेमिका बिस्किट और इंग्लिश ओवन ब्रेड तो सभी खाते हैं, लेकिन रजनी बेक्टर के बारे में कोई नहीं जानता। आइए आज उनके सफर पर एक नजर डालते हैं।
बंटवारे की याद, जब एक पेड़ ने उसके नीचे बिताए थे 7 दिन
रजनी बेक्टर का जन्म 1940 में कराची (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उन्होंने अपना बचपन लाहौर में बिताया। जब देश का बंटवारा हुआ, तो उनका परिवार भारत आ गया और दिल्ली में बस गया। बंटवारे के दौरान झेले गए दर्द को एक इंटरव्यू में बयां करते हुए रजनी बेक्टर ने आउटलुक बिजनेस को बताया, “हमें बताया गया था कि हमें पठानकोट में ट्रेन मिलेगी, लेकिन 7 दिनों तक कोई नहीं आया। हमें एक हफ्ते तक एक पेड़ के नीचे इंतजार करना पड़ा। उसके बाद एक मालगाड़ी आई। मुझे आज भी याद है कि मैंने बहुत सारी लाशें देखी थीं। पंजाब के दूसरे इलाकों से गुजरते समय कई लोगों ने हमें खाना और लस्सी पिलाकर हमारी मदद की। मैं छोटी थी और मैंने अपनी मां से पूछा – वे हमें यह सब क्यों दे रहे हैं? क्या वे हमें जानते हैं?”
1957 में जब रजनी सिर्फ़ 17 साल की थीं और उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी नहीं की थी, तब उनकी शादी पंजाब के एक व्यवसायी धर्मवीर बेक्टर से हुई थी। शादी के बाद लुधियाना आने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “उस समय लुधियाना बहुत छोटी जगह थी। दिल्ली के मुक़ाबले यह बहुत पिछड़ा हुआ था। पूरे शहर में सिर्फ़ 4 कारें थीं।” शादी के बाद शुरुआती दिनों में उन्हें बहुत अजीब लगा।
छोटी सी क्रीम बनाने वाली कंपनी से शुरुआत
शादी के बाद उनके तीन बच्चे हुए। बच्चों की परवरिश करते हुए उन्होंने पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) से बैंकिंग की पढ़ाई की। बैंकिंग सेक्टर में उनकी पहले से ही दिलचस्पी थी। एक छोटे से शहर में बैंकिंग में इतनी तेज तर्रार महिला का होना बड़ी बात थी। हीरो मोटोकॉर्प के बृजमोहन मुंजाल जैसे बड़े लोगों से उन्हें तारीफ मिलने लगी। रजनी बेक्टर को लगा कि उन्हें कुछ काम करना चाहिए।
थोड़े सोचने के बाद 1978 में उन्होंने 20,000 रुपये लगाकर क्रीम बनाने की छोटी सी यूनिट लगाई। उन्होंने क्रेमिका की स्थापना की। क्रेमिका नाम क्रीम का से लिया गया था। उनके बनाए उत्पाद तेजी से लोकप्रिय होने लगे। यहां तक कि उस समय की मशहूर कंपनी क्वालिटी भी मुश्किल में पड़ गई। 1985 में उन्होंने पंजाब में ब्रेड बनाने की यूनिट लगाई और डबल रोटी बनाना शुरू किया, जिसे आज हम बन के नाम से जानते हैं। पंजाब में इसे डबल रोटी कहा जाता था। शुरुआत में यह यूनिट रोजाना 5000 डबल रोटी बनाती थी। 1989 में कंपनी ने डबल रोटी बनाना शुरू किया। डबल रोटी बनाने की रोजाना क्षमता 50,000 तक बढ़ गई थी। जाहिर है, मांग भी 10 गुना बढ़ गई थी।
2020 में आया आईपीओ
1985 में कंपनी अधिनियम 1956 के तहत उन्होंने अपनी कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड करवाया। तब से शुरू हुआ सफर रुका नहीं और आज तक जारी है। 1996 में रजनी बेक्टर की कंपनी ने मैकडॉनल्ड्स को बर्गर बन की सप्लाई शुरू की और अपने कारोबार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 2001 में उत्तर प्रदेश के नोएडा में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई गई, जिससे उत्पादन में और तेजी आई। 2007 में नोएडा प्लांट का विस्तार कर उत्पादन क्षमता को और बढ़ाया गया। 2010 में रजनी बेक्टर की कंपनी ने मैकडॉनल्ड्स को ओरियो की सप्लाई शुरू की और अपने प्रोडक्ट सीरीज में एक और मशहूर प्रोडक्ट जोड़ लिया। आखिरकार 2020 में कंपनी का आईपीओ आया, जिसने उनकी सफलता की कहानी को नई दिशा दी।
आज उनकी कंपनी भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड है। इस कंपनी का मार्केट कैप 8,339.73 करोड़ रुपये है। कंपनी को फेनोलॉजी पर 5 में से 4 स्टार दिए गए हैं, जो काफी अच्छे माने जाते हैं। कंपनी ने 2020 में 762.12 करोड़ रुपये की बिक्री की। 2021 में 880.73 करोड़ रुपये, 2022 में 988.17 करोड़ रुपये और 2023 में 1400 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। 11 जुलाई 2024 को मिसेज बेक्टर का शेयर बीएसई पर 1,414.55 रुपये पर बंद हुआ, जबकि एनएसई पर यह 1415.35 रुपये पर बंद हुआ।
क्रीमिका फूड्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अक्षय बेक्टर ने इस साल मई में कहा था कि वह 2,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के आधार पर 500 करोड़ रुपये जुटाएगी। कंपनी अपनी 20-30 फीसदी इक्विटी बेच सकती है। आपको बता दें कि क्रीमिका फूड्स के अंतर्गत बिस्कुट, मेयोनीज और केचप आदि बनाए जाते हैं।