मानसून के मौसम में सांप के काटने का खतरा बढ़ जाता है। अगर इस दौरान कुछ सावधानियां बरती जाएं तो सांप के काटने के बाद होने वाले खतरे को टाला जा सकता है। जिसके बाद चार से पांच घंटे तक खतरा टल जाता है। जानने के लिए वीडियो देखें।
मानसून के मौसम में सांप के काटने से मौत के मामले देखने और सुनने को मिलते हैं। लेकिन अगर सांप के काटने के मामले में कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो सांप के काटने के मामले में खतरा टल सकता है। सर्प विशेषज्ञ देवब्रत सिंह ने लोकल18 को बताया कि आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग झाड़-फूंक में विश्वास करते हैं। लेकिन सांप के काटने के बाद पीड़ित को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। वहीं, अगर मरीज को अस्पताल ले जाने में देरी हो जाए तो कुछ बातों पर ध्यान देकर चार से पांच घंटे तक खतरा टल सकता है।
इन बातों का ध्यान रखें
सांप काटने के बाद अंग के पास किसी भी तरह का कट या चीरा नहीं लगाना है। इसके साथ मुंह लगाकर कभी खून निकालने की कोशिश न करें। इससे इन्फेक्शन बढ़ता है। अगर हाथ में सांप काटे तो किसी भी तरह का छल्ला, चूड़ी ब्रासलेट को तुरंत निकाल दें। सर्पदंश के बाद अंग पर सूजन होता है। जिससे संक्रमण बढ़ता है और उस अंग को काटना भी पड़ सकता है।
सर्पदंश के दौरान घबराहट से बचे
सर्पदंश के बाद लोगों को घबराहट होती है.जिससे पीड़ित को बचना चाहिए.वर्णा रक्तप्रवाह तीव्र होता है.जिससे पीड़ित को परेशानी हो सकती है.सर्पदंश के बाद पीड़ित को ज्यादा गतिविधि नहीं करना चाहिए.जिससे रक्तप्रवाह में बढ़ न हो. सबसे खास तौर पर सर्पदंश के मामले में ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर सांप ने काटा है तो हाथ के ऊपरी हिस्से से कलाई तक पट्टी बांधना चाहिए। इससे रक्त का प्रवाह रुक जाता है
पट्टा को ऊंचा कद बांधना इसलिए रक्तप्रवाह कम हो सकता है। इतना भी टाइट नहीं होना चाहिए कि रक्त का प्रवाह रुक जाए। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. इससे हाथ नीला पड़ सकता है. जिससे बाद में उस भाग को बनाना भी पड़ सकता है. इसके साथ मुड़ने वाले स्थान पर अगर सांप काटे तो वह किसी लकड़ी के सहायता से पट्टी को बांधे ताकि हाथमुर्खे न क्योंकि, हाथमुर्खे से सांप की जहरीली दोहियों में बांधा जा सकता है।
जहर दिल तक पहुंच सकता है
सांप अगर हाथ में काटा हो तो कभी भी हाथ को दिल से ऊपर नहीं ले जाना चाहिए। ऐसा करने से जहर दिल तक पहुंच सकता है। जिससे खतरा बढ़ सकता है. इन सारी बातों का अगर ध्यान रखा जाए तो सर्पदंश के चार से पांच घंटे तक आप खतरे को टाल सकते हैं। जिस दौरान आप लंबी दूरी तय करके अस्पताल पहुंच सकते हैं। इलाज करके खतरे से बाहर आ सकता है.