Wednesday, January 29, 2025
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दुनिया भर में एक नई महामारी फैलने लगी है! यह अफ्रीकी देशों से पाकिस्तान तक पहुँच चुकी है, क्या इसकी वैक्सीन उपलब्ध है?

दुनिया में कोविड महामारी खत्म नहीं हुई है और इस बीच एक नई महामारी का खतरा बढ़ गया है। WHO ने ऐम्पॉक्स को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है, क्योंकि कई दशकों तक अफ्रीकी देशों तक सीमित रही यह बीमारी अब दूसरे देशों में फैलने लगी है। हाल ही में पाकिस्तान और स्वीडन में ऐम्पॉक्स के नए स्ट्रेन क्लेड आईबी के मामले मिले हैं, जिसने दूसरे देशों की टेंशन बढ़ा दी है। WHO के मुताबिक अगर समय रहते ऐम्पॉक्स पर काबू नहीं पाया गया तो यह एक नई महामारी की स्थिति पैदा कर सकता है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक ऐम्पॉक्स को पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था। यह एक वायरल संक्रमण है, जो वायरस से फैलता है। अफ्रीकी देशों में इसके मामले 1970 के दशक से आने लगे थे और यह बीमारी अफ्रीकी महाद्वीप तक ही सीमित थी। हालांकि अब यह संक्रमण दूसरे देशों में फैलने लगा है। यह वायरस सबसे पहले बंदरों में पाया गया था, जिस वजह से इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा। ऐम्पॉक्स के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इसकी चपेट में आने पर लोगों को तेज बुखार, खांसी-जुकाम, बदन दर्द, अत्यधिक थकान होती है। साथ ही त्वचा पर छाले (चकत्ते) भी पड़ने लगते हैं।

संक्रमित मनुष्यों के संपर्क में आने से एम्पॉक्स संक्रमण फैलता है। यह यौन संचारित होता है। यह संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर और अन्य चीजों के संपर्क में आने से फैलता है। अफ्रीका में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैलता है। WHO ने एम्पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) घोषित किया है। यह इस बात का संकेत है कि वैश्विक स्तर पर एम्पॉक्स की स्थिति गंभीर हो गई है और इसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।

समलैंगिक लोगों को मंकीपॉक्स का खतरा ज्यादा होता है, जिसमें पुरुष केवल पुरुषों के साथ ही यौन संबंध बनाते हैं। एक से अधिक लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने वालों को भी इसका खतरा ज्यादा होता है। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, यह संक्रमण यौन संचारित हो रहा है। एम्पॉक्स कोरोना वायरस की तुलना में धीमी गति से फैलता है, लेकिन यह काफी घातक हो सकता है। जनवरी 2023 में मौजूदा प्रकोप शुरू होने के बाद से, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में एम्पॉक्स के 27,000 मामले सामने आए हैं और 1,100 लोगों की मौत हुई है। यह बीमारी बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में फैल गई है।

एम्पॉक्स चेचक जैसा दिखता है और 2 से 4 सप्ताह तक रह सकता है। एम्पॉक्स से पीड़ित लोगों के चेहरे, पैर, कमर और शरीर के अन्य हिस्सों पर बड़े छाले हो जाते हैं। इस बीमारी में बुखार और दर्द से राहत के लिए दवा दी जाती है और ज़्यादातर लोग कुछ हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालाँकि, एम्पॉक्स कुछ लोगों में जटिलताएँ पैदा कर सकता है और लोगों की मौत का कारण बन सकता है। चेचक के इलाज के लिए डिज़ाइन की गई एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट को जनवरी 2022 में एम्पॉक्स के इलाज के लिए यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा अनुमोदित किया गया था।

WHO का कहना है कि ऐसी दवाएँ आमतौर पर दुर्लभ मामलों में दी जाती हैं। चेचक के लिए तीन टीके भी हैं – MVA-BN, LC16 और ऑर्थोपॉक्सवैक। इन टीकों को सबसे पहले चेचक से निपटने के लिए विकसित किया गया था। WHO का कहना है कि केवल उच्च जोखिम वाले लोगों और चेचक से संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों को ही टीका लगवाना चाहिए। यह टीका चेचक से बचा सकता है। डब्ल्यूएचओ ने सभी लोगों को चेचक से बचने के लिए टीका लगवाने की सलाह नहीं दी है।

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