Friday, October 18, 2024
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क्या फिर से लगेगा लॉकडाउन? क्या एम्पॉक्स होगी वजह? WHO एक्सपर्ट ने दिया ये जवाब, कितनी खतरनाक है ये बीमारी

दुनियाभर में इस बात की चिंता है कि अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रही एम्पॉक्स बीमारी नया कोरोना साबित हो सकती है और इसकी वजह से पूरी दुनिया में फिर से लॉकडाउन लगाया जा सकता है। कोरोना की वजह से लॉकडाउन की दर्दनाक परेशानी को याद करके भी लोग सिहर उठते हैं, ऐसे में लोगों का इसको लेकर चिंतित होना स्वाभाविक है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञ डॉ. हैंस क्लूज ने इसका साफ जवाब दिया है। डॉ. हैंस क्लूज ने कहा है कि एम्पॉक्स नया कोविड नहीं है क्योंकि अधिकारियों को पता है कि इस बीमारी को फैलने से कैसे रोका जाए। जब ​​उनसे पूछा गया कि क्या एम्पॉक्स के नए वैरिएंट की वजह से एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई आशंका नहीं है।

पूरी दुनिया में एम्पॉक्स के खतरनाक वैरिएंट का डर

अफ्रीका के बाद यूरोप में कुछ मामले सामने आने के बाद यूरोप के लोगों में भी डर है। एम्पॉक्स का जो नया वैरिएंट क्लेड इब आया है, वह बेहद खतरनाक है और इस बीमारी से मौत का खतरा 10 से 11 फीसदी है। इसे देखते हुए पूरी दुनिया में डर है। खास तौर पर यूरोप के लोगों में इस पर WHO के यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस क्लुजे ने कहा कि वायरस के नए वैरिएंट को लेकर चिंता जरूर है, लेकिन हम सब मिलकर इस बीमारी के संक्रमण को रोक सकते हैं। पिछले कुछ महीनों में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में मंकीपॉक्स की वजह से 450 लोगों की मौत हो चुकी है और स्वीडन में भी इसका एक मामला सामने आया है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें नए वैरिएंट के बारे में बहुत कुछ जानने की जरूरत है, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि यह बीमारी आसानी से फैल सकती है और गंभीर हो सकती है।

 

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मैपॉक्स एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल है

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में इस साल अप्रैल में मंकीपॉक्स वायरस का एक नया स्ट्रेन पाया गया था। हालांकि, इसका पहला मामला 2022 में ही लंदन में सामने आया था। कांगो में अब तक 450 लोगों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि इससे 10 संक्रमित मरीजों में से एक की मौत हो सकती है। यह बीमारी अब कांगो के बाहर भी फैलने लगी है। इसलिए WHO ने हाल ही में इसे वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।

मंकीपॉक्स के लक्षण

मेयो क्लिनिक के अनुसार, संक्रमण के 3 से 17 दिनों के बाद मंकीपॉक्स संक्रमण का असर दिखना शुरू होता है। संक्रमण का असर दिखने के बाद मरीज में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, नसों में सूजन, सिरदर्द, शरीर में ऐंठन, पीठ दर्द, सर्दी और थकान जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। मंकीपॉक्स में त्वचा पर चकत्ते मुख्य रूप से मुंह, हाथ और पैरों में होते हैं।

कौन से लोगों को अधिक खतरा

अभी तक ज्ञात वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार, मंकीपॉक्स का संक्रमण समलैंगिक पुरुषों में अधिक होता है। यानी पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों को इस बीमारी का अधिक खतरा होता है। इसलिए, कांगो में सेक्स वर्करों में इस बीमारी के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि केवल समलैंगिक पुरुषों को ही यह बीमारी हो सकती है, बल्कि संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने वाले लोगों को भी मंकीपॉक्स का अधिक खतरा होता है।

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