Friday, October 18, 2024
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खतरनाक नतीजे की आशंका! महामारी के जरिए तबाही मचाने को तैयार हैं 30 से ज्यादा वायरस, 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

कोरोना से मची तबाही का मंजर आज भी हमारे दिलो-दिमाग में मौजूद है। उस पर भी कई ऐसे खतरनाक संकेत हैं जो खौफ को और बढ़ा देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 30 ऐसे खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया की सूची जारी की है जो आने वाले समय में महामारी का रूप ले सकते हैं। 30 जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने 30 ऐसे रोगजनक सूक्ष्मजीवों का विश्लेषण किया है जो दुनियाभर के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आपात स्थिति पैदा कर सकते हैं और यह महामारी का रूप भी ले सकते हैं। वैज्ञानिकों ने कई साक्ष्यों के आधार पर यह अनुमान लगाया है। ये रोगजनक बेहद खतरनाक हैं और तेजी से फैलते हैं और लोगों को तेजी से संक्रमित कर सकते हैं। चिंताजनक बात यह है कि इनमें से बहुत कम वायरस के लिए टीके उपलब्ध हैं। रोगजनकों का मतलब है ऐसे सूक्ष्मजीव जो बीमारी फैलाते हैं।

इन बीमारियों का खतरा

TOI के मुताबिक नेचर जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2017 और 2018 में WHO ने दर्जनों ऐसे रोगजनकों की खोज की। इसके लिए 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने दो साल तक इन रोगजनकों का विश्लेषण किया। इनमें 1652 रोगजनकों की पहचान की गई। इनमें से ज़्यादातर वायरस थे जबकि कुछ बैक्टीरिया भी थे. इन रोगजनकों में से 30 की पहचान की गई जो महामारी फैलाने के लिए तैयार हैं. यानी ये वायरस या बैक्टीरिया महामारी फैलाने की क्षमता रखते हैं. महामारी की संभावना वाले इन 30 रोगजनकों में से इन्फ्लूएंजा ए वायरस, डेंगू वायरस और मंकीपॉक्स जैसे वायरस नए हैं. हाल ही में अमेरिका में इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कई स्ट्रेन पाए गए थे, जिनमें से सबटाइप H5 ने जानवरों में महामारी फैलाई थी. इस सूची में बैक्टीरिया के 5 नए स्ट्रेन भी शामिल हैं जो हैजा, प्लेग, पेचिश, डायरिया और निमोनिया फैलाने के लिए ज़िम्मेदार हैं. हाल ही में भारत में पाए गए निपाह वायरस को भी इस सूची में शामिल किया गया है. दक्षिण पूर्व एशिया में भी ख़तरा

नेचर रिपोर्ट के अनुसार, WHO ने कुछ प्रोटोटाइप रोगजनकों की भी पहचान की है जो वैज्ञानिक अध्ययनों के लिए मॉडल प्रजाति साबित हो सकते हैं और इस आधार पर वैक्सीन विकसित की जा सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया में जो रोगाणु सबसे खतरनाक साबित होने वाले हैं, उनमें विब्रियो कोलेरा 0139, शिगेला डिस्ट्रिटी सीरोटाइप 1, हेनिपावायरस निपाहेंस, बेंडावायरस डेबिन्स, ऑर्थोफ्लेवोवायरस डेंगू और जिकेनीज तथा अल्फावायरस चिकनगुनिया शामिल हैं।

भविष्य की तैयारी के लिए शोध

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हम केवल एक या दो महामारी फैलाने में सक्षम रोगाणुओं पर ही शोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि सभी प्रकार के संभावित रोगाणुओं पर शोध कर रहे हैं, ताकि चुनौतीपूर्ण समय आने पर उनसे मजबूती से निपटा जा सके और उनका प्रसार रोका जा सके। अज्ञात खतरनाक रोगाणु एक्स के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जन स्वास्थ्य को मजबूत किया जा सके और लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके। रोगाणु एक्स को भविष्य में महामारी फैलाने वाले संभावित जीवाणु के रूप में जाना जाता है।

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