अक्सर हम आम का स्वाद लेते हैं और फिर उसके बीज फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम जितना स्वादिष्ट होता है, उसके बीज सेहत के लिए उससे भी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में आम के बीजों को औषधि माना गया है। अगर हम इसका सही तरीके से सेवन करें तो पित्त, रूसी, धातु, दस्त, त्वचा, मधुमेह, हृदय और पाचन से जुड़ी समस्याएं बहुत आसानी से दूर हो सकती हैं। पतंजलि के आयुर्वेदाचार्य ने आम के बीजों को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के कुछ खास तरीके बताए हैं।
पतंजलि में पिछले चालीस सालों से आयुर्वेदाचार्य के तौर पर काम कर रहे भुवनेश पांडे बताते हैं कि अक्सर लोग आम खाने के बाद उसके बीज फेंक देते हैं। लेकिन हमें पता होना चाहिए कि जिन बीजों को बेकार समझा जाता है, वो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार अगर कोई व्यक्ति आम खाने के बाद इन बीजों को एक जगह इकट्ठा कर ले और इसकी ऊपरी परत सड़ जाने के बाद अंदर का बीज निकालकर सुखा दे। अब अगर आप इसका चूर्ण तैयार कर लें और 5-5 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार सेवन करें तो इससे पित्त, रूसी, भूख न लगना, दस्त, मल में खून आना, त्वचा संबंधी समस्याएं, शरीर में पोषक तत्वों की कमी आदि कई समस्याएं दूर हो सकती हैं।
औषधीय गुणों का खजाना है
बता दें कि आम की गुठली में विटामिन ए, बी, सी, ई, चेहरा फैक्टर्स, डायट्री फाइबर, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, कॉपर, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह स्वास्थ्य के कारण अत्यंत लाभकारी हो जाता है। इसके सेवन के लिए आपको सबसे पहले गुठलियों को इकट्ठा करके उसके ऊपरी खोल को कुछ दिनों तक सड़ाकर खोलना होगा। हम पाएंगे कि खोल के अंदर एक हल्के काले रंग का बीज मौजूद होगा जो लगभग सूख चुका होगा। हम उसे धूप में पूरी तरह सुखाकर चूरन बना लेंगे। जिसे हर रोज सुबह-शाम 5-5 ग्राम पानी के साथ सेवन करें। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार मात्र 15 दिनों में यह चूर्ण इन समस्याओं को दूर कर देगा।
समस्याओं का निवारण
इतना ही नहीं, अगर हम आम लोगों की गुठलियों को सुखाकर उनके चूर्ण बनाने के बाद भुनकर सेवन करते हैं, तो कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद मिलेगी। साथ ही अधिक फाइबर होने की वजह से यह लोगों में भी लाभदायक साबित होता है और गैस, अपच, एसिडिटी जैसे मुद्दे भी दूर होते हैं। विशेष बात यह है कि छुटकारा हुआ चूर्ण हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।