एक जमाना था, जब लोग ख़ुशियाँ पक्का के लिए लोध या बाँटते थे, लेकिन अब जमाना बदल गया है। अब त्योहारों से लेकर खुशियों के स्वाद पर लोग मिठाइयों की जगह चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। कई लोग सेहत के लिए चॉकलेट को स्वादिष्ट और स्वादिष्ट चॉकलेट उत्पादों का सेवन करते हैं। हालाँकि अमेरिकियों के एक अध्ययनकर्ता चॉकलेट लवर्स के लिए बुरी खबर सामने आई है। इनमें कई चॉकलेटी उत्पादों में टॉक्सिक हैवी मेटल्स पाए गए हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में चॉकलेट से बने कई उत्पादों में टॉक्सिक हैवी मेटल्स लेड (सीसा) और कैडमियम (कैडमियम) की मात्रा सबसे ज्यादा पाई गई। इस स्टडी में कोको से बनने वाले 72 प्रोडक्ट्स का 8 साल तक का एनालिसिस किया गया, जिसमें डार्क चॉकलेट भी शामिल थी। वॉक्स ने अध्ययन में पाया कि चॉकलेट से बने 43% उत्पादों में सीसे यानी एलईडी की मात्रा तय सीमा से अधिक थी, जबकि 35% उत्पादों में कैडमियम की मात्रा की आवश्यकता से अधिक थी। चिंता वाली बात ये है कि टॉक्सिक मेटल्स में सबसे ज्यादा मिलते हैं टॉक्सिक प्रोडक्ट्स।
वर्को ने कहा कि चॉकलेट उत्पादों में यह कंटामिनेशन मिट्टी से हो सकता है या विनिर्माण के दौरान हो सकता है। यह अध्ययन चॉकलेट के विभिन्न ब्रांडों और विविधताओं पर आधारित था, जिसमें पाया गया कि कई चॉकलेटों में कई विषाक्त धातुओं का स्तर मानक से अधिक था। सीसा (लीड) बेहद जहरीला तत्व होता है, जो लंबे समय तक शरीर में जमा हो सकता है। इसके संपर्क में आने से नर्वस सिस्टम, किडनी और हृदय स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों के शरीर में टॉक्सिक पदार्थ का स्थापित होना मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है।
दूसरी टॉक्सिक मेटल की बात करें तो कैडमियम (Cadmium) भी एक टॉक्सिक हैवी मेटल है, जो आपकी किडनी और हड्डियों को प्रभावित करता है। लंबे समय तक इस पदार्थ के संपर्क में रहने से हड्डियों की कमजोरी, डायबिटीज डिजीज सहित कई गंभीर विकार हो सकते हैं। चॉकलेट में इन मसालों के उच्च स्तरीय उत्पादन और दुकानें उपलब्ध हैं। कोको प्लांट जमीन से हैवी मेटल्स को इकट्ठा कर सकते हैं, जो फिर चॉकलेट चॉकलेट में चले जाते हैं। यदि आप या आपका बच्चा चॉकलेट का अत्यधिक सेवन करते हैं, तो सावधानी बरतें और सीमित मात्रा में ही सेवन करें।