Friday, November 22, 2024
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सुरेंद्र शर्मा फिर से होंगे दिल्ली अकादमी के उपाध्यक्ष, जल्द होगा नई संचालन समिति का ऐलान

11 अक्टूबर, 2018 को प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र शर्मा को हिंदी अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उनके बाद प्रसिद्ध गीतकार स्वानंद किरकिरे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन किरकिरे हमेशा मुंबई में ही व्यस्त रहे. अपने कार्यकाल के दौरान शायद ही वे किसी कार्यक्रम में शामिल हुए.

हिंदी अकादमी, दिल्ली की नई संचालन समिति का जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा. प्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा को फिर से अकादमी का उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा रही है. नई समिति में दिल्ली विश्वविद्यालय के कई प्रोफेसरों की शामिल किया गया है. हालांकि, संचालन समिति की विधिवत घोषणा अभी नहीं की गई है.

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली सचिवालय में पर्यटन-कला संस्कृति मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नई कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक आहुत की. हालांकि, कार्यकारिणी की विधिवत घोषणा जल्द की जाएगी. इस अवसर पर कार्यकारिणी के 17 सदस्यों को आमंत्रित किया गया. सौरभ भारद्वाज ने सभी सदस्यों के साथ औपचारिक मुकालत की और अकादमी के संचालन को लेकर चर्चा की.

हिंदी अकादमी के सूत्रों के मुताबिक, प्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा को फिर से अकादमी का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है. सुरेंद्र शर्मा के अलावा समिति में अमरनाथ अमर, डॉ. स्मिता मिश्र, ‘आलोचना’ पत्रिका के संपादक आशुतोष, हास्य कवि जैमिनी हरियाणवी, प्रसिद्ध कथाकार भगवानदास मोरवाल, विजयश्री तनवीर और निशा निशांत कुल 17 सदस्यों का चयन किया गया है.

2 साल के लिए होता है गठन
हिंदी अकादमी की संचालन समिति का गठन 2 वर्ष के लिए होता है. पिछली समिति में प्रसिद्ध गीतकार स्वानन्द किरकिरे को उपाध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि, पूरे कार्यकाल में स्वानंद किरकिरे शायद ही दिल्ली के किसी कार्यक्रम में आए. समिति की बैठक में भी वे ऑनलाइन ही शामिल होते थे. इस समिति का गठन 19 मार्च, 2021 को किया गया था.

2018 में सुरेंद्र शर्मा बने उपाध्यक्ष
दिल्ली सरकार ने 11 अक्टूबर, 2018 को पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र शर्मा को हिंदी अकादमी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था. दरअसल, तत्कालीन उपाध्यक्ष विष्णु खरे के निधन के बाद सुरेंद्र शर्मा को उपाध्यक्ष बनाया गया था. सुरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में अकादमी ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए कई बड़े फैसले लिए थे.

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