भारत में सरकार कई तरह के टैक्स लगाती है। इनमें आयकर, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), एलटीसीजी, एसटीसीजी, टीडीएस और टीसीएस शामिल हैं। टैक्स चोरी और इसमें देरी दोनों ही अपराध हैं। लेकिन, आम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में सरकार टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) पर बड़ी राहत दे सकती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन रवि अग्रवाल के मुताबिक, सरकार वित्त विधेयक में टीसीएस दाखिल करने में देरी को अपराध की श्रेणी से बाहर रख सकती है। फिलहाल टीसीएस दाखिल करने में किसी भी तरह की देरी अपराध की श्रेणी में आती है।
हालांकि, प्रस्तावित राहत पर उसी तरह विचार किया जा रहा है, जिस तरह केंद्रीय बजट में टीडीएस को लेकर घोषणा की गई थी।
सीबीडीटी चेयरमैन ने दी जानकारी
सीबीडीटी चेयरमैन रवि अग्रवाल ने मनीकंट्रोल से कहा, ‘हम टीसीएस (देर से भुगतान को अपराध की श्रेणी से बाहर रखना) के संबंध में भी ऐसा ही कर सकते हैं। हम वित्त विधेयक में जरूरी संशोधन कर सकते हैं और इस संबंध में जल्द ही फैसला लेंगे। ”
दरअसल, बजट में करदाताओं पर कर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए संबंधित तिमाही के लिए टीडीएस रिटर्न दाखिल करने तक भुगतान की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है, जिसमें इस टीडीएस दाखिल करने में देरी के लिए कोई आपराधिक मामला नहीं बनाया जाएगा। इसी तरह, उद्योग ने टीसीएस पर भी डिक्रिमिनलाइजेशन क्लॉज लागू करने की मांग की है।