जब विदेशियों ने फायर स्टिक या अन्य अमेज़न डिवाइस को सक्रिय करने का प्रयास किया, तो इन कॉल सेंटरों ने कथित तौर पर तकनीकी समाधान की पेशकश की और उनके खातों से शुल्क वसूल लिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तकनीकी सहायता देने और प्लान अपग्रेड के लिए आकर्षक ऑफर का लालच देकर अमेरिका स्थित प्रौद्योगिकी दिग्गज अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट के ग्राहकों को ठगने के आरोप में 10 कॉल सेंटर के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने माइक्रोसॉफ्ट की शिकायत पर 10 कॉल सेंटरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिनमें से अमेजन की शिकायत के आधार पर दर्ज मामले में पांच कॉल सेंटर भी संदिग्ध के रूप में सामने आए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों मामले पिछले साल 4 अक्टूबर को दर्ज किए गए थे, लेकिन विशेष अदालत के आदेश पर इन्हें सार्वजनिक किया गया है। इस बीच, नोएडा पुलिस ने इस मामले में शुक्रवार को तीन महिलाओं समेत 15 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार कर उनके पास से 25 लैपटॉप और 16 मोबाइल व अन्य उपकरण बरामद किए।
कॉल सेंटर से 15 लोग गिरफ्तार
सहायक पुलिस उपायुक्त रामबदन सिंह ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि सेक्टर-59 के ए ब्लॉक स्थित एक बिल्डिंग में धोखाधड़ी वाला कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है, जो अमेरिकी नागरिकों से ठगी करता है। उन्होंने बताया कि इसके बाद कॉल सेंटर पर छापा मारा गया और 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
कैसे की जाती थी ठगी?
अधिकारियों ने बताया कि जब विदेशी लोग फायर स्टिक या अमेजन के अन्य डिवाइस को एक्टिवेट करने की कोशिश करते थे, तो ये कॉल सेंटर कथित तौर पर तकनीकी समाधान की पेशकश कर उनके खातों से शुल्क वसूलते थे। माइक्रोसॉफ्ट मामले में आरोप है कि अपराधियों ने पीड़ितों को ‘पॉप-अप’ मैसेज भेजकर उनके कंप्यूटर पर कथित खतरे को हल करने के लिए एक नंबर पर कॉल करने को कहा। एजेंसी ने आरोप लगाया कि जब ग्राहक दिए गए नंबर पर कॉल करते थे, तो कॉल सेंटर संचालक उन्हें ठग लेते थे।