अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर फायरिंग के मामले में एफबीआई लगातार नए खुलासे कर रही है। खुलासा हुआ है कि ट्रंप पर फायरिंग करने वाले आरोपी ने गूगल पर पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के बारे में सर्च किया था।
वाशिंगटन: संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने बुधवार को सांसदों को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करने के आरोपी व्यक्ति से बरामद लैपटॉप से पता चला है कि उसने घटना को अंजाम देने से पहले गूगल पर सर्च किया था कि “कैनेडी का हत्यारा ओसवाल्ड कितनी दूर खड़ा था”। उन्होंने कहा कि ओसवाल्ड दरअसल ली हार्वे ओसवाल्ड का संदर्भ है, जिसने 22 नवंबर, 1963 को डलास में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या की थी।
क्रिस्टोफर रे ने क्या कहा?
क्रिस्टोफर रे ने हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के समक्ष सुनवाई में बताया कि ट्रंप की रैली में बंदूक चलाने वाले थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने स्पष्ट रूप से 6 जुलाई को गूगल पर यह जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि क्रुक्स ने इसके एक सप्ताह बाद पेंसिलवेनिया के बटलर में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप पर गोली चलाई।
हमले के पीछे का मकसद पता नहीं चल पाया है
एफबीआई ट्रंप पर गोलीबारी की जांच आतंकवाद के मामले के रूप में कर रही है, जिसमें रैली में शामिल एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एजेंसी ने क्रूक्स की गतिविधियों और ऑनलाइन गतिविधि की विस्तृत टाइमलाइन भी तैयार की है। रे ने कहा कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप को क्यों निशाना बनाया गया, इसके पीछे का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है। एफबीआई का अब भी मानना है कि क्रूक्स ने अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया।
रैली स्थल का दौरा किया
जानकारी के मुताबिक, क्रूक्स ने घटना से एक सप्ताह पहले रैली स्थल का दौरा किया था और करीब 20 मिनट तक वहां रहा था। रे ने कहा कि गोलीबारी से 2 घंटे से भी ज्यादा समय पहले क्रूक्स ने रैली मंच से करीब 200 गज की दूरी पर करीब 11 मिनट तक ड्रोन उड़ाया था। उसने डिवाइस का इस्तेमाल लाइवस्ट्रीम और फुटेज देखने के लिए भी किया था।