Wednesday, April 23, 2025
Homeनॉलेजबजट के साथ-साथ यह भी जानिए कि फरवरी में क्यों पेश किया...

बजट के साथ-साथ यह भी जानिए कि फरवरी में क्यों पेश किया गया अंतरिम बजट और क्या होता है यह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी चुनाव से पहले 1 फरवरी 2024 को बजट पेश किया था। इसे अंतरिम बजट कहा गया था। अब वह फिर से बजट पेश करेंगी, जिसे पूर्ण बजट कहा जा रहा है। आमतौर पर चुनावी साल में सबसे पहले अंतरिम बजट पेश किया जाता है। हालांकि, इसके लिए भी शर्तें होती हैं। अंतरिम बजट दो स्थितियों में पेश किया जाता है। या तो सरकार के पास पूर्ण या आम बजट पेश करने का समय नहीं होता। या फिर लोकसभा चुनाव तुरंत होने वाले होते हैं।

इस बार अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया गया। क्योंकि अप्रैल से मई तक चुनाव होने थे। इसके जरिए नए कारोबारी साल में सरकार बनने के संभावित समय तक बचे हुए महीनों के खर्च के लिए संसद से अनुमति ली जाती है। फिर परंपरा के मुताबिक चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है।

अंतरिम बजट कब तक होता था?

चुनाव अप्रैल-मई में हुए थे। ऐसे में जब तक नई सरकार बनती और नया बजट पेश होता, तब तक जुलाई का महीना आ जाना था।

अंतरिम बजट आम बजट से छोटा होता है। इसमें नई सरकार के गठन तक राजस्व और व्यय का अनुमान पेश किया जाता है। ताकि बाजार में निवेशकों का भरोसा बरकरार रहे। इसलिए अप्रैल से जुलाई तक 4 महीने में किए जाने वाले व्यय की अनुमति इस बार के अंतरिम बजट के जरिए ली गई।

यह बजट तब तक लागू रहता है जब तक नई सरकार अपना नया पूर्ण बजट पेश नहीं कर देती। अब 23 जुलाई को पूर्ण बजट पेश होने के बाद सरकार इस बजट के हिसाब से आय और व्यय की शर्तें या व्यवस्थाएं बनाएगी।

अंतरिम बजट संसद में बिना किसी चर्चा के पेश किया जाता है, इसीलिए इसे वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है। यह 16वां अंतरिम बजट होगा।

इन मौकों पर परंपरा का पालन नहीं किया गया

परंपरा रही है कि अंतरिम बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाती। फिर भी समय-समय पर कई वित्त मंत्रियों ने जरूरत का हवाला देते हुए अंतरिम बजट में बड़ी घोषणाएं की हैं। इस बार फरवरी में जिस तरह से बजट पेश किया गया, वह भी पूर्ण बजट जैसा ही लगा, क्योंकि इसमें लगभग सभी बड़ी योजनाओं की घोषणा वित्त मंत्री ने की थी। हालांकि यह काम पहले भी होता रहा है। यूपीए सरकार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जब 2014-15 में अंतरिम बजट पेश किया था, तब एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती की गई थी। अटल सरकार में 2004-05 का अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने डायरेक्ट टैक्स में बदलाव का ऐलान जरूर किया था, लेकिन वित्त विधेयक में कोई बदलाव नहीं किया था। यहां यह जानना जरूरी है कि कोई भी कानून सरकार को अंतरिम बजट में बड़ा ऐलान करने से नहीं रोकता है।

पीयूष गोयल ने किया था यह ऐलान

पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर साल गरीब किसानों के खातों में 6000 रुपये ट्रांसफर करती है। यह रकम 2,000 रुपये की तीन किस्तों में दी जाती है। इसके अलावा पीयूष गोयल ने 2019-20 के अंतरिम बजट में नौकरीपेशा लोगों को भी बड़ी राहत देने का ऐलान किया था।

इसके तहत आयकर स्लैब में मानक कटौती की सीमा 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई। साथ ही यह भी घोषणा की गई कि 5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोग कर सीमा से बाहर रहेंगे।

RELATED ARTICLES

Most Popular