Thursday, November 21, 2024
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यह मध्य यूरोप में हमारा सबसे अच्छा दोस्त है, लेकिन 45 साल से कोई भी प्रधानमंत्री इसका हालचाल जानने नहीं आया, मोदी इसका ख्याल रखेंगे!

45 साल से किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा नहीं किया, लेकिन दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध अच्छे हैं। इतने अच्छे कि मध्य यूरोप के सभी देशों की तुलना में पोलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार सबसे ज्यादा है। 4 दशक से भी ज्यादा समय के बाद अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड का दौरा करेंगे। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में नई गर्मजोशी आने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-23 अगस्त तक पोलैंड और यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा नई दिल्ली और वारसॉ के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी आयोजित की जा रही है।

पोलैंड के साथ व्यापार का एक बड़ा हिस्सा कपड़ा, रसायन, मशीनरी और कृषि उत्पादों पर केंद्रित है। इसके साथ ही पोलैंड भारत को मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन और रक्षा उपकरण निर्यात करता है। भारत और पोलैंड के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं, जो पिछले 5 सालों में और भी मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 2017-18 में द्विपक्षीय व्यापार 2.36 बिलियन डॉलर था, जो 2021-22 में बढ़कर 3.4 बिलियन डॉलर हो गया।

साल-दर-साल व्यापार के आंकड़े

2017-18: 2.36 बिलियन डॉलर
2018-19: 2.77 बिलियन डॉलर
2019-20: 2.94 बिलियन डॉलर
2020-21: 2.80 बिलियन डॉलर
2021-22: 3.4 बिलियन डॉलर

कौन किसको क्या भेजता है?

भारत से पोलैंड: कपड़ा, रसायन, खाद्य उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान।

पोलैंड से भारत: मशीनरी, विद्युत उपकरण, रसायन और कृषि आधारित उत्पाद।

भविष्य उज्ज्वल दिखता है

45 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड यात्रा से दोनों देशों के बीच रक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। यह यात्रा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी और भी गहरी हो सकती है, जिसका फायदा भारत और पोलैंड दोनों को होगा। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, “रक्षा सहयोग काफी पुराना है। हमारे बीच रक्षा सहयोग पर एक समझौता है, जिस पर 2003 में हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें परामर्श और संयुक्त कार्य प्रारूप का प्रावधान है। भारत ने हाल ही में वारसॉ में दूतावास में रक्षा विंग को फिर से खोला है।”

आखिरी बार किस प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया था?

आखिरी बार तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1979 में पोलैंड का दौरा किया था। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और पोलैंड के बीच द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना था। दोनों देशों ने व्यापार, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। कृषि, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में साझेदारी पर भी बातचीत हुई। यह यात्रा शीत युद्ध के दौर में भारत और पोलैंड के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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