Thursday, January 16, 2025
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‘मैं चाहती हूं कि यह लगभग 0 हो लेकिन’, वित्त मंत्री ने टैक्स सिस्टम को लेकर कही बड़ी बात

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मौजूदा कर प्रणाली को सही ठहराते हुए कहा कि चुनौतियों का सामना करने और शोध एवं विकास गतिविधियों के लिए देश को धन की जरूरत है। सीतारमण भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।

वैज्ञानिकों से अक्षय ऊर्जा के भंडारण पर अधिक शोध करने की अपील की। ​​सीतारमण ने कहा कि दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से अक्षय ऊर्जा में बदलाव के लिए बहुत सारा धन देने का वादा किया है, लेकिन यह अभी आना बाकी है। वित्त मंत्री ने कहा, “लेकिन भारत ने इंतजार नहीं किया। पेरिस (पेरिस समझौता) में किए गए वादों को हमारे अपने पैसे से पूरा किया गया। कई बार वित्त मंत्री के तौर पर मुझे लोगों को जवाब देना पड़ता है कि हमारे कर ऐसे क्यों हैं? हम इसे और कम क्यों नहीं कर सकते? काश मैं इसे लगभग शून्य पर ला पाती। लेकिन भारत की चुनौतियां गंभीर हैं और उन्हें दूर करना होगा।”

बहुत सारा धन चाहिए

उन्होंने कहा कि सरकार ने वैज्ञानिक शोध में भारी निवेश किया है। उन्होंने कहा, “मैं चाहती हूं कि मेरे सामने स्नातक, पीएचडी धारक हों जो बहुत विद्वान लोग हों जो भारत की चुनौतियों को समझते हों। मैं भारत जैसे विकासशील देश के लिए ऊर्जा के उन संधारणीय स्रोतों में से एक के रूप में अक्षय ऊर्जा का उदाहरण लेती हूँ।” वैज्ञानिकों से नवाचार के साथ आगे आने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपनी ताकत के साथ जीवाश्म ईंधन से अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है क्योंकि देश कहीं और से धन का इंतजार नहीं कर सकता।

ऊर्जा भंडारण

सीतारमण ने वैज्ञानिकों से अक्षय ऊर्जा के भंडारण के लिए बैटरी विकसित करने का भी आग्रह किया क्योंकि जीवाश्म ईंधन से अक्षय ऊर्जा में संक्रमण संधारणीय होना चाहिए। “सरकार केवल बात नहीं कर रही है। यह अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में पैसा लगा रही है…करों से अर्जित धन। यह मेरा काम है। मेरा काम राजस्व उत्पन्न करना है, लोगों को परेशान करना नहीं। हमें अनुसंधान के लिए धन की आवश्यकता है,” उन्होंने कहा।

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