Friday, November 22, 2024
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देवभूमि हिमाचल प्रदेश में तबाही, बादल फटने से 45 लोग लापता, तलाशी अभियान अभी भी जारी

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना के बाद 45 से ज़्यादा लोग लापता हैं। हालांकि, तलाशी अभियान अभी भी जारी है। आपको बता दें कि राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है।

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद शुक्रवार को 45 से अधिक लापता लोगों को खोजने के लिए बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए यह भी कहा कि राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 29 लोगों को रात भर चले अभियान के बाद सुरक्षित बचा लिया गया। बुधवार को कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाणा इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में पांच लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लापता हो गए। जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाणा II बिजली परियोजना में भी 33 लोग फंस गए थे। कुल्लू की डिप्टी कमिश्नर तोरुल एस रवीश ने कहा कि 33 में से 29 लोगों को बचा लिया गया है।

एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीम का बचाव अभियान जारी

बारिश के कारण एक सुरंग की दीवार और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और बैराज में पानी घुस गया। लेकिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और होमगार्ड की टीमें 29 लोगों को बचाने में सफल रहीं, जबकि चार लोग अभी भी पावर हाउस में हैं। अधिकारियों ने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होमगार्ड मौके पर बचाव अभियान चला रहे हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पीड़ितों के परिजन भी अपनों की सलामती का इंतजार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के समेज इलाके में हुआ है। यहां बुधवार रात को श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नाले अचानक उफान पर आ गए।

100 किलोमीटर क्षेत्र में करनी होगी तलाश

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि अचानक आई बाढ़ के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खड्ड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग लापता हो गए। गांधी ने गुरुवार को पीटीआई-भाषा से कहा था, “हमें करीब 100 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश करनी है, जिनमें से कुछ दुर्गम हैं और लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।” बाढ़ से अपने परिवार के साथ बचकर निकले एक वरिष्ठ नागरिक नाली राम ने कहा, “मैंने तेज बहते पानी की आवाज सुनी और अपने घर से बाहर निकला तो पाया कि आसपास का इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है।” समेज खड्ड के उफान पर आने से शिमला और कुल्लू जिलों में तबाही मच गई।

बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 73 लोगों की मौत एक

अन्य स्थानीय निवासी नील दत्त ने कहा, “मेरे ससुर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। कल रात से उनका कोई पता नहीं है। मैं उन्हें खोजने के लिए अपने परिवार के साथ यहां आया हूं।” रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बादल फटने के बाद 20 से अधिक घर, छह दुकानें, चार मुख्य पुल और दो पैदल पुल बाढ़ के पानी में बह गए। प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क टूट गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो गई है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है।

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