गुरुवार रात को मकान ढहाए जाने की खबर मिलते ही स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने देर रात प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में ले लिया।
दिल्ली के सिविल लाइंस के खैबर दर्रे इलाके में सैकड़ों मकानों पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडरा रहा है। भूमि एवं विकास कार्यालय के नोटिस और घोषणा के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। गुस्साए लोगों ने गुरुवार को सिविल लाइंस थाने पर प्रदर्शन किया और रिंग रोड जाम कर दिया। इस दौरान काफी हंगामा हुआ। पुलिस ने देर रात कई लोगों को हिरासत में लिया है।
70 से 80 साल से यहां रह रहे हैं लोग- प्रदर्शनकारी
बताया जा रहा है कि भूमि एवं विकास कार्यालय की ओर से कई मकानों पर नोटिस चिपकाए गए हैं। तोड़फोड़ के आदेश दिए गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पिछले 70-80 साल से इस जगह पर रह रहे हैं। ऐसे में उन्हें अचानक यहां से नहीं हटाया जा सकता।
जाएं तो जाएं कहां?
कई प्रदर्शनकारियों ने तो यहां तक आरोप लगाए कि रात के 2 बजे भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। ऐसे में वो लोग जाएं तो कहां जाएं? पुलिस ने इन लोगों की एक न सुनी। जो लोग ध्वस्तीकरण के आदेश का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।
मजनू के टीले में रोका गया अतिक्रमण हटाओ अभियान
बता दें कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने पिछले महीने ही मजनू के टीले के पास बुलडोजर अभियान चलाए जाने का नोटिस दिया था। डीडीए ने गुरुद्वारा के दक्षिण में यमुना बाढ़ के मैदान पर अतिक्रमण के खिलाफ 13 और 14 जुलाई को मजनू का टीला इलाके में तोड़फोड़ अभियान शुरू करना था। स्थानीय लोगों के काफी विरोध प्रदर्शन के बाद डीडीए के अतिक्रमण हटाओ में रोक लगा दी गई थी। यहां बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं। इन्हीं के झुग्गी-झोपड़ी को गिराने का नोटिस दिया गया था।