Friday, November 22, 2024
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रोज सुबह PM का फोन, हर बैठक में पिता की राय, नरेंद्र मोदी और राम विलास के रिश्ते पर और क्या बोले चिराग पासवान?

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि जब उनके पिता इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे। तब पीएम मोदी हर रोज सुबह 8:30 बजे फोन करके उनका हालचाल लेते थे। इसके साथ ही पीएम मोदी डॉक्टरों की टीम से भी बात करते थे।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पिता राम विलास पासवान और पीएम मोदी की दोस्ती को याद किया। चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पिता राम विलास पासवान के रिश्ते बहुत खूबसूरत रहे हैं। पीएम मोदी ने भी उनके पिता को वो आदर, सम्मान और प्यार देने का काम किया है। एक राजनीतिक परिचय से ज्यादा दोनों के बीच व्यक्तिगत परिचय रहे हैं। दोनों लोग आपस में कलीग्स भी रहे हैं।

2014 में पीएम मोदी ने दी बड़ी जिम्मेदारी

पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में मेरी पार्टी के कई नेता उनका हिस्सा रहे। 2014 के मोदी सरकार में पिता राम विलास पासवान को मंत्री पद और एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई। चिराग ने कहा कि उनके लिए बड़ी बात थी कि जब पीएम मोदी 2020 के चुनाव में जब बिहार आए। बिहार में पिता के जाने के बाद वह पहला विधानसभा का चुनाव था।  तब उस दौरान पीएम मोदी ने सबसे पहले मंच पर आते ही मेरे पिता को याद किया।

अंतिम सांस तक पीएम मोदी के साथ रहे पिता- चिराग

चिराग ने कहा कि मेरे पिता ने बहुत खूबसूरती और अंतिम सांस तक यही कहा था कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं। ये एक सच्चाई थी। पिता राम विलास पासवान ने हमेशा ही हर संभव प्रयास किया कि जो जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उनको दी गईं हों, उन जिम्मेदारियों को वो बखूबी निभाएं।

हर मंच से पीएम मोदी ने पिता को किया याद

चिराग ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हमारे पिता द्वारा किए गए हर कार्यों को सराहने का काम किया। आज भी हर मंच से मेरे पिता के जाने के बाद बखूबी से पीएम मोदी उन्हें याद करते हैं।  पीएम मोदी पिता राम विलास को अपना दोस्त, मित्र और एक करीबी साथी के नेता उन्हें संबोधित करते हैं। एक बेटे होने के नाते मुझे ये अच्छा लगता है। ये सब मेरे लिए बड़ी बात है। मेरे परिवार के लिए ये बड़ी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे पिता के जाने के बाद भी आज इतने मन से उन्हें याद करने का काम करते हैं।

हर बैठक में ली जाती थी पिता की राय

चिराग पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके पिता के अनुभव को बहुत ज्यादा अहमियत देते थे। चिराग ने कहा कि खैर ये कैबिनेट के भीतर की बातें हैं, लेकिन इतनी जानकारी हम लोगों को जरूर मिलती थी कि कोई कैबिनेट की ऐसी बैठक नहीं होती थी। जिसमें विभिन्न एजेंडों पर चर्चा होती थी तो उसमें अगर उनके विभाग से जुड़ा हुआ विषय हो या नहीं हो पर मेरे पिता जी की राय को पीएम मोदी अक्सर लेते थे।

क्योंकि पीएम मोदी को इस बात की अहमियत का अंदाजा हमेशा था कि वो एक जननेता रहे है हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा किया है कि जितनी बड़ी कमेटी रही है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की कमेटी जितनी तैयार की गई थी। उन मीटिंग में मेरी पार्टी के नेता को शामिल करना ये पीएम मोदी जरूर करते थे।

पिता के अनुभव को पीएम मोदी ने हमेशा दिया साथ

चिराग पासवान ने कहा कि पिता के अनुभव को ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जा सके, यही उनकी इच्छा रहती है। पिता ने पांच दशक से ज्यादा उनके पिता सक्रिय राजनीति में रहे हैं।  साल 1969 में वह पहली बार विधायक बने और 1977 से वह सांसद बने थे।  पिता चिराग पासवान ने देश के 6-6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। पिता के इस अनुभव को पीएम मोदी ने हमेशा सम्मान देने का काम किया है।

हर रोज सुबह 8:30 बजे पीएम करते थे कॉल

भावुक होते हुए चिराग पासवान ने कहा कि जिस तरीके से पीएम मोदी ने तब मेरा और पूरे परिवार का ध्यान रखा, जब वह अस्पताल में थे।  ये वो दौर था, जब प्रधानमंत्री के साथ एक नया और खूबसूरत और गहरा रिश्ता हम दोनों का बना। चिराग ने कहा कि सोचिए देश का प्रधानमंत्री दिन में दो-दो बार आपको फोन करे और डायरेक्टली वो फोन करते हैं। जब पिता अस्पताल में भर्ती थे, तब पीएम मोदी का रोज सुबह 8:30 बजे मेरे मोबाइल पर फोन आता था। वह पिता का हालचाल जानने के साथ डॉक्टर्स का फीडबैक लेकर भी वह बताया करते थे। पिता के सही इलाज के लिए चेन्नई के डॉक्टर्स से बात करनी हो या एम्स के डॉक्टर्स से बात करनी हो,सभी डॉक्टरों से बात करने के बाद उनकी क्या राय है। ये जानकारी वह मुझसे साझा किया करते थे।

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