चीन ने भारत को चारों तरफ से घेरने के लिए रणनीतिक चालें चलना जारी रखा है। इसी क्रम में ड्रैगन ने अब भारत के एक और पड़ोसी देश में घुसपैठ की कोशिश शुरू कर दी है। ताकि वहां अपना ठिकाना बनाकर भारत को परेशान कर सके।
वाशिंगटन: चीन भारत को हर तरफ से घेरने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। सामरिक दबाव बनाने के लिए चीन ने पाकिस्तान से लेकर नेपाल, भूटान और श्रीलंका तक भारत को घेर रखा है। क्योंकि इन देशों को किसी प्रोजेक्ट का लालच देकर या उन्हें लोन देकर चीन ने उनकी जमीन पर अपनी मौजूदगी सुनिश्चित कर ली है। अब चीन ने भारत पर अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए बांग्लादेश को अपना नया ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है। सामरिक दृष्टि से यह भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इसलिए अमेरिका ने भी चीन के इस कदम पर चिंता जताई है। साथ ही भारत भी चीन के इस कदम को लेकर अलर्ट हो गया है।
अमेरिका ने कहा है कि वह बांग्लादेश में चीन की मौजूदगी बढ़ने की संभावना से चिंतित है। दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने मंगलवार को संसदीय सत्र के दौरान सांसदों से कहा, “हम बांग्लादेश में चीन की मौजूदगी बढ़ने की संभावना से चिंतित हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि बांग्लादेशी लोग इस मामले में बहुत जल्दबाजी नहीं करेंगे और वे इसे लेकर बहुत सावधान हैं।” सीनेटर बिल कीटिंग ने पूछा, “रूस के संदर्भ में, बांग्लादेश में उस क्षेत्र में चीनी प्रभाव के बारे में, क्या आपने इस संबंध में कोई चिंताजनक बात देखी है।”
बांग्लादेश में अभी सबसे ज़्यादा प्रभाव किसका है?
इस सवाल के जवाब में लू ने कहा, “मैं कहूंगा कि बांग्लादेश में सबसे प्रभावशाली देश वास्तव में रूस या चीन नहीं, बल्कि भारत है, और बांग्लादेश और व्यापक क्षेत्र में हमारी नीतियों के बारे में भारत के साथ हमारी सक्रिय बातचीत है।” सीनेटर यंग किम ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और ये देश अमेरिका के रणनीतिक साझेदार भारत के पड़ोसी हैं।
चीनी सेना इन बिंदुओं पर भारत को घेर रही है
भारत को रणनीतिक रूप से घेरने के लिए अपने पड़ोसी देशों में घुसपैठ करने के साथ-साथ, चीन की “पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की मौजूदगी भारतीय सीमा के साथ-साथ हिंद महासागर में भी बढ़ रही है। सहायता और सहयोग न केवल दक्षिण एशिया में अमेरिकी हितों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि उनकी समृद्धि को बढ़ाने और क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
सहायक विदेश मंत्री ने कहा, “बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच यह बहुत तनावपूर्ण समय है। हमें उम्मीद है कि शांति बहाल होगी। मैं बांग्लादेश के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हूं। हम इस संकट को हल करने के लिए अधिक शांतिपूर्ण तरीका खोजने के लिए उनके संपर्क में बने हुए हैं।” यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के एशिया ब्यूरो की उप सहायक प्रशासक अंजलि कौर ने बांग्लादेश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की।