पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार हाईवे का ट्रैफिक कैसे रोक सकती है? कोर्ट ने कहा कि ट्रैफिक को नियंत्रित करना राज्य सरकार का काम है। हम कह रहे हैं कि बॉर्डर खुला रखें लेकिन उसे नियंत्रित भी करें।
देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि किसान भी इसी देश के नागरिक हैं। उन्हें खाना और अच्छी मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का काम है। कोर्ट ने कहा कि किसान आएंगे, नारे लगाएंगे और वापस चले जाएंगे।
दरअसल, किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे 22 वर्षीय युवक की मौत की न्यायिक जांच के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए न्यायिक जांच के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है।
आपको बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दो दिन पहले शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश जारी किया था। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों को कानून व्यवस्था बनाए रखने का भी आदेश दिया। साथ ही प्रदर्शन के दौरान किसान की मौत की जांच के लिए एसआईटी बनाने को भी कहा।
हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के एसआईटी बनाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से बॉर्डर खोलने और कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा। पंजाब और हरियाणा की सीमा शंभू बॉर्डर पर पिछले 5 महीने से कुछ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के किसानों ने कुछ मांगों को लेकर इसी साल 10 फरवरी को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने वहां बैरिकेड्स लगा दिए हैं, जिससे यहां से गुजरने वाला ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित है। वाहनों को लंबी दूरी तय करके बॉर्डर पार करना पड़ रहा है। बॉर्डर बंद न होने की वजह से आसपास के दुकानदार भी परेशानी में आ गए हैं।