Friday, November 22, 2024
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संसद के मानसून सत्र में सरकार पेश करेगी 6 नए विधेयक, जानें इन विधेयकों के नाम

सरकार ने अगले सोमवार से शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र से पहले 21 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसद का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा।

नई दिल्ली: अगले हफ्ते से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में सरकार कुल 6 नए विधेयक पेश करने जा रही है। खबरों के मुताबिक, केंद्र सरकार मानसून सत्र में कुल 6 नए विधेयक पेश करेगी, जिसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक भी शामिल है। वित्त विधेयक के अलावा सरकार ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करने के लिए विमान अधिनियम 1934 की जगह लेने के लिए भारतीय विमान विधेयक 2024 को भी सूचीबद्ध किया है।

संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा।

आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची गुरुवार शाम को लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संसद बुलेटिन में प्रकाशित की गई। मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। सत्र के दौरान पेश किए जाने और पारित किए जाने वाले अन्य विधेयकों में स्वतंत्रता-पूर्व कानून की जगह लेने वाला बॉयलर विधेयक, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक शामिल हैं।

ओम बिरला ने किया कार्य मंत्रणा समिति का गठन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसदीय एजेंडा तय करने के लिए कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) का भी गठन किया। अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति में सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस), पीपी चौधरी (भाजपा), लवू श्रीकृष्ण देवरायलू (तेदेपा), निशिकांत दुबे (भाजपा), गौरव गोगोई (कांग्रेस), संजय जायसवाल (भाजपा), दिलेश्वर कामत (जदयू), भर्तृहरि महताब (भाजपा), दयानिधि मारन (द्रमुक), बैजयंत पांडा (भाजपा), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), के. सुरेश (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (भाजपा) और लालजी वर्मा (समाजवादी पार्टी) सदस्य शामिल हैं।

नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद संसद का यह पहला पूर्ण सत्र

आपको बता दें कि आम चुनाव के नतीजों के बाद 24 जून से 2 जुलाई तक आयोजित 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद यह संसद का पहला पूर्ण सत्र होगा। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद का पहला सत्र हंगामेदार रहा, जिसमें नीट-यूजी परीक्षा विवाद समेत कई मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 जून को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था और लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया था।

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