Friday, November 22, 2024
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चीनी खरीदना होगा महंगा! खाद्य सचिव ने दी ये अहम जानकारी

चीनी सीजन 2023-24 में चीनी उत्पादन 32 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले सीजन के 32.8 मिलियन टन से कम है, लेकिन 27 मिलियन टन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

चीनी खरीदना महंगा हो सकता है। दरअसल, केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने शनिवार को कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने पर फैसला ले सकती है। अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘हम एमएसपी प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में फैसला हो जाएगा।’ गन्ना किसानों को दिए जाने वाले उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में सालाना बढ़ोतरी के बावजूद 2019 से चीनी का एमएसपी 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ है। माना जा रहा है कि सरकार द्वारा चीनी के एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से खुदरा बाजार में चीनी की कीमत बढ़ जाएगी। इससे आने वाले दिनों में चीनी की कीमत बढ़ सकती है।

एमएसपी को बढ़ाकर 42 रुपये करने का आग्रह

नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) समेत उद्योग निकायों ने सरकार से एमएसपी को बढ़ाकर कम से कम 42 रुपये प्रति किलोग्राम करने का आग्रह किया है, ताकि बढ़ती उत्पादन लागत के बीच मिलों को परिचालन जारी रखने में मदद मिल सके। चोपड़ा ने कहा कि 2024-25 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन आशाजनक दिख रहा है, जिसमें पिछले साल की समान अवधि के 57 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब तक 58 लाख हेक्टेयर तक गन्ने की बुआई हो चुकी है।

उत्पादन 32 मिलियन टन होने का अनुमान

चीनी सीजन 2023-24 में चीनी उत्पादन 32 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले सीजन के 32.8 मिलियन टन से कम है, लेकिन 27 मिलियन टन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इससे पहले, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव ने कहा कि कृषि मंत्रालय विभिन्न उपज से इथेनॉल के उत्पादन के लिए पानी की आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने के लिए शोध कर रहा है। शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि मक्का और चावल की तुलना में गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है।

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