डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के चलते कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम ने अब बस किराए में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। केएसआरटीसी के चेयरमैन एसआर श्रीनिवास ने कहा है कि पिछले पांच सालों से बस किराए में बढ़ोतरी नहीं की गई है, इसलिए अब यह जरूरी हो गया है।
बेंगलुरु: कर्नाटक में जल्द ही रोडवेज बसों का किराया बढ़ाया जा सकता है। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केआरसीटीसी) के चेयरमैन एसआर श्रीनिवास ने भी इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि तेल की बढ़ती कीमतों के कारण बस किराए में बढ़ोतरी अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि किराए में आखिरी बार 2019 में बढ़ोतरी की गई थी, जिसे अब पांच साल हो चुके हैं। इसके अलावा मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों में परिचालन लागत को कवर करने और कर्मचारी लाभों का समर्थन करने के लिए इसकी जरूरत है।
पांच साल से नहीं बढ़ा किराया
एसआर श्रीनिवास ने कहा, “आखिरी बार बस टिकट की कीमत 2019 में बढ़ाई गई थी। तब से पांच साल हो गए हैं, किराया नहीं बढ़ा है। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किराया बढ़ना भी लाजिमी है। इसके अलावा वेतन बढ़ाने और कर्मचारियों को लाभ देने के लिए दरों को समायोजित करना जरूरी है।” उन्होंने कहा कि केएसआरटीसी कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन 2020 में किया गया था, अगला संशोधन 2024 के लिए निर्धारित है। किराया समायोजन में इस देरी ने हमें वित्तीय चुनौतियों में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि अगर समय-समय पर इसमें वृद्धि की जाती, तो आज ऐसी स्थिति नहीं होती। केएसआरटीसी को पिछले तीन महीनों में 295 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
40 नई वोल्वो बसों का भी प्रस्ताव
श्रीनिवास ने कहा कि सरकार को 40 नई वोल्वो बसों का प्रस्ताव सौंपा गया है। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही 600 नियमित बसें खरीद ली हैं। हमने 5 से 20 प्रतिशत किराया वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। दर वृद्धि पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री पर निर्भर करेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किराया वृद्धि का पुरुष यात्रियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। महिला यात्रियों के लिए भी टिकट की कीमत में वृद्धि की जाएगी, लेकिन यह वृद्धि शक्ति योजना के तहत कवर की जाएगी।