भारत में महिला उद्यमी आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार के अवसर पैदा करने में अधिक सक्षम हैं। महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) ने बहुत अच्छी वृद्धि दिखाई है।
Budget 2024: आम बजट का इंतजार अब खत्म हो गया है। कल यानी मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट से हर सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। अर्थव्यवस्था के जानकारों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक और नए दोनों ही क्षेत्रों में निवेश की जरूरत है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, जिसका फायदा देश की जीडीपी को होगा। जानकारों का मानना है कि कुल आबादी का 68 फीसदी हिस्सा ग्रामीण अर्थव्यवस्था में काम करता है। वहीं, इसका योगदान देश की जीडीपी के आधे से भी कम है।
गांवों के बुनियादी ढांचे में निवेश से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा
ईवाई इंडिया में जीपीएस-कृषि, आजीविका, सामाजिक और कौशल का नेतृत्व करने वाले अमित वात्स्यायन ने कहा कि ग्रामीण बुनियादी ढांचे कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में निवेश से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए तकनीक बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ ने कहा, भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का 60 फीसदी हिस्सा छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और राजस्थान में है। ग्रामीण निवेश रणनीति तैयार करते समय चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थानीय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
महिला उद्यमी रोजगार सृजन में अधिक सक्षम हैं
भारत में महिला उद्यमी आर्थिक वृद्धि और रोजगार के अवसर पैदा करने में अधिक सक्षम हैं। महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) ने बहुत अच्छी वृद्धि दिखाई है। महिलाओं के नेतृत्व वाले MSME ने पुरुषों के स्वामित्व वाले (MSME) की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक महिला कर्मचारियों को रोजगार दिया है। उन्होंने नए रोजगार के अवसरों का एक तिहाई हिस्सा पैदा किया है। वहीं, मासिक आधार पर आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और शुद्ध आय में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वात्स्यायन ने कहा कि भारत में महिला उद्यमियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक अच्छा इकोसिस्टम बनाना होगा और उन्हें वित्त, बाजार, कौशल, नेटवर्क और निगरानी जैसी सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।