Friday, November 22, 2024
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हिन्दू-मुस्लिम हिंसा से मिले ज़ख्मों से जूझता ब्रिटेन का शहर लेस्टर

लेस्टर की सड़कों पर डोर-टू-डोर कैम्पेन कर रहे भारतीय मूल के कीथ वाज़ को देखकर ये कहना मुश्किल है कि ये वही जगह है, जहाँ सितंबर 2022 में हिन्दू और मुसलमानों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं.

कीथ वाज़ 32 साल तक पूर्वी लेस्टर सीट से लेबर पार्टी के सांसद रह चुके हैं. इस बार के चुनाव में वो एक नई पार्टी, वन लेस्टर से चुनाव लड़ रहे हैं.

लेस्टर से इतने सालों तक जुड़े रहने की वजह से वो यहाँ का एक जाना-माना चेहरा हैं. जब वो लोगों से मिलते हैं तो उनके स्थानीय मुद्दों पर बात करते हैं.

बात नहीं होती तो उस तनाव भरे वक़्त की जब अलग-अलग संस्कृतियों की मिसाल माना जाने वाला लेस्टर हिंसा की आग में जल उठा था.

हिन्दू-मुस्लिम हिंसक झड़पें

17 सितंबर 2022 को दोनों समुदायों के बीच चल रहा तनाव सड़कों पर उतर आया था.

इन झड़पों में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए और दर्जनों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.

कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा तनाव ज़्यादातर भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट मैचों के दौरान देखा जाता था. लेकिन 2022 में हालात इतने बिगड़े कि दोनों समुदायों के बीच बन चुकी एक गहरी खाई साफ़ दिखने लगी.

गुजराती मूल के धर्मेश लखानी लेस्टर की उसी बेलग्रेव रोड पर एक रेस्टोरेंट चलाते हैं, जहाँ हिंसा हुई थी.

उस दिन की यादें उनके मन में आज भी ताज़ा हैं.

बेलग्रेव रोड पर जहाँ हिंसा हुई, उस जगह को दिखाते हुए वह कहते हैं, “उस दिन यहां सैंकड़ों लोगों की भीड़ जमा थी. एक आक्रोशित भीड़ थी. मैं यहां खड़ा देख रहा था कि ये क्या हो रहा है. ऐसा लग रहा था कि हमारा शहर जल रहा है.”

धर्मेश लखानी बेलग्रेव रोड पर एक कार वॉश को दिखाते हुए बताते हैं, “इस कार वॉश को पुलिस ने घेर लिया था. घेरे के अंदर क़रीब 150 से 200 हिन्दू समुदाय के लोग थे और घेरे के बाहर मुसलमानों की एक बड़ी भीड़ थी.”

कार वॉश के ठीक सामने ही एक हिन्दू मंदिर है.

धर्मेश लखानी कहते हैं कि भीड़ में से कुछ लोगों ने मंदिर की दीवार फांद कर मंदिर के एक झंडे को नीचे उतारकर जलाने की कोशिश की.

वो कहते हैं, “झंडा थोड़ा सा जला ही था कि मुसलमान युवक ने उस आग को बुझा दिया. उसे लगा कि ऐसा नहीं करना चाहिए. जो भी ये सब कर रहे थे वो आग भड़काना चाह रहे थे. लेकिन उस भीड़ में सब लोग ऐसे नहीं थे. जो भी हुआ वो ठीक नहीं था. दोनों ही समुदायों को बहुत बुरा लगा.”

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