छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक खदान में बारिश का पानी भर जाने के बाद SECL के एक अधिकारी लापता हो गए। रविवार को 16 घंटे की तलाश के बाद अधिकारी का शव बरामद किया गया।
छत्तीसगढ़ के कोरबा से एक दुखद घटना सामने आई है। जिले में एक खदान में बारिश का पानी भर जाने से साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) का एक अधिकारी लापता हो गया। 16 घंटे की तलाश के बाद रविवार को अधिकारी का शव बरामद किया गया। पुलिस ने घटना की जानकारी दी। मामले में एक अधिकारी ने बताया कि एसईसीएल के सहायक प्रबंधक (खनन) जितेंद्र नागरकर (41 वर्ष) शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे कुसमुंडा कोयला खदान में लापता हो गए।
पांच लोग बाहर निकले
अधिकारी ने बताया कि पानी के बहाव के रास्ते में नागरकर और पांच अन्य लोग खदान के गड्ढे में फंस गए। उन्होंने बताया कि सभी ने खदान के ऊपरी हिस्से की ओर आने की कोशिश की। अधिकारी ने बताया कि पांच लोग तो बाहर निकल आए, लेकिन नागरकर बह गए। एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्रा ने बताया कि रविवार सुबह करीब 9.0 बजे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की संयुक्त बचाव टीम ने 16 घंटे की मशक्कत के बाद खदान के गड्ढे से उनका शव बरामद किया।
गोदावरी कंपनी में हादसा
उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। चंद्रा ने बताया कि नागरकर महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के निवासी थे और वेस्टर्न कोलफील्ड्स से ट्रांसफर होकर कुसमुंडा परियोजना में आए थे। जानकारी के अनुसार कुसमुंडा खदान की गोदावरी कंपनी में यह हादसा हुआ है। दोपहर 2 बजे के बाद लगातार 3 घंटे तक बारिश हुई, जिसके चलते एसईसीएल शिफ्ट इंचार्ज जितेंद्र नागरकर अपने तीन साथियों के साथ खदान में जलभराव की स्थिति देखने निरीक्षण पर गए थे।