सर्वे के मुताबिक, गैर-कृषि असंगठित क्षेत्र की इकाइयों की औसत फिक्स्ड एसेट्स की वैल्यू 2022-23 में 3.18 लाख रुपये रही है, जो पहले 2.81 लाख रुपये थी, जो दर्शाता है कि इस सेक्टर में पूंजीगत निवेश बढ़ा है।
भारत में छोटे दुकानदारों और फर्म की ओर से ऑर्डर लेने या देने के लिए बड़ी संख्या में डिजिटल माध्यम का उपयोग किया जा रहा है। इसकी वजह यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) जैसी सुविधाों का समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी सर्वे के अनुसार, यूपीआई से भुगतान करने या ऑनलाइन ऑर्डर देने के रूप में बिजनेस उद्देश्य के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल 2022-23 के बीच ग्रामीण इलाकों में बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 7.7 प्रतिशत था। वहीं, शहरी इलाकों में यह बढ़कर 30.2 प्रतिशत हो गया है, जो पहले 21.6 प्रतिशत पर था। इस तरह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संयुक्त रूप से 7.2 प्रतिशत की बढ़त हुई है।