प्रॉपर्टी बेचने से होने वाले कैपिटल गेन्स पर टैक्स 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है, लेकिन इंडेक्सेशन हटा दिया गया है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रॉपर्टी बेचने वाले व्यक्ति पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के लिए यह झटका है।
रियल एस्टेट में निवेश करने वाले निवेशकों को बजट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, प्रॉपर्टी की बिक्री पर इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा दिया गया है। इस फैसले की वजह से अब प्रॉपर्टी की बिक्री से होने वाली आय पर ज्यादा टैक्स देना होगा। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि बजट में किए गए ऐलान का प्रॉपर्टी से होने वाली आय पर क्या असर होगा।
वित्त मंत्री ने बजट में क्या घोषणा की
बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की कि संपत्ति की बिक्री पर इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त कर दिया जाएगा। इसके कारण, अब अपनी संपत्ति बेचने वाले कई लोग अपनी खरीद मूल्य नहीं बढ़ा पाएंगे और अपने पूंजीगत लाभ को कम कर पाएंगे। घोषणा से पहले, संपत्ति की बिक्री से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 20% कर लगाया जाता था। अब बजट दस्तावेजों के अनुसार, नई LTCG कर दर को घटाकर 12.5% कर दिया गया है, लेकिन संपत्ति की बिक्री पर पूंजीगत लाभ के लिए इंडेक्सेशन लाभ के बिना लागू होगा।
आइए इंडेक्सेशन समाप्त करने के प्रभाव को एक उदाहरण से समझते हैं:
उदाहरण के लिए, मोहन सिंह ने 2004 में 25 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा। 2024 में, अब उस संपत्ति की कीमत बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो गई है। वह इस संपत्ति को 1 करोड़ रुपये में बेचता है। मौजूदा नियमों के अनुसार, 25 लाख रुपये की खरीद मूल्य को आयकर विभाग द्वारा अधिसूचित लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CII) संख्याओं के साथ बढ़ाना होगा। इस तरह 75 लाख रुपये का कैपिटल गेन हुआ। इस कैपिटल गेन पर एलटीसीजी (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) टैक्स लगता है। अभी तक इंडेक्सेशन की वजह से खरीद मूल्य बढ़ता है। यानी अगर 5 फीसदी महंगाई दर के हिसाब से 25 लाख रुपये कैलकुलेट करें तो इसमें काफी बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही प्रॉपर्टी की मरम्मत पर होने वाले खर्च को इंडेक्सेशन के तहत छूट मिलती है। ऐसे में अगर 75 लाख रुपये का मुनाफा होता है तो खरीद मूल्य बढ़ाने और मरम्मत खर्च को शामिल करने से कैपिटल गेन कम हो जाता है। इससे टैक्स के तौर पर कम रकम चुकानी पड़ती है।
प्रॉपर्टी बेचने से कैपिटल गेन पर लगने वाले 20 फीसदी टैक्स को बदलकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है, लेकिन इंडेक्सेशन हटा दिया गया है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे प्रॉपर्टी बेचने वाले पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा। प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के लिए यह झटका है।