बांग्लादेश में हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं। इस बीच, विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों ने बांग्लादेश में बनने वाली अंतरिम सरकार के सामने अपनी मांगें रखी हैं।
ढाका: बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के परिवारों ने जल्द ही बनने वाली अंतरिम सरकार के सामने नौकरी और पुनर्वास समेत 11 सूत्री मांगें रखी हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद देश में अंतरिम सरकार का गठन किया जा रहा है। बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 440 हो गई, जिनमें से ज़्यादातर छात्र प्रदर्शनकारी हैं।
आंकड़े जुटाए जा रहे हैं
आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान घायल और मारे गए लोगों के संबंध में गठित समिति के संयोजक हारुन-उर रशीद द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया है कि हिंसा में घायल और मारे गए छात्रों, बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं के परिवारों के बारे में सटीक आंकड़े जुटाने की पहल की गई है।
11 सूत्री मांगें रखी गई हैं
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आंदोलन में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के लिए 11 सूत्री मांगें रखी गई हैं, जिनमें ‘फूड-कार्ड’ कार्यक्रम के तहत स्नातकोत्तर स्तर तक के सभी छात्रों को आयु के आधार पर 2,000-3,000 टका (बांग्लादेशी मुद्रा) प्रतिमाह देने, नौकरी के इच्छुक लोगों को 3,000 टका बेरोजगारी भत्ता देने और प्रभावित परिवारों का शीघ्र पुनर्वास करने की मांगें शामिल हैं। मांगों में निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों को सीधे सरकारी छात्रवृत्ति देने और शेख हसीना परिवार के विभिन्न लोगों के नाम पर स्थापित शैक्षणिक संस्थान का नाम बदलने की मांग भी शामिल है।
बांग्लादेश में अराजकता
बता दें कि सोमवार को बांग्लादेश में उस समय अराजकता फैल गई जब शेख हसीना ने अचानक प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सैन्य विमान से देश छोड़ दिया। हसीना के देश छोड़ने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोग उनके आवास में घुस गए और तोड़फोड़ और लूटपाट की। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में हसीना के आवास ‘सुधा सदन’ और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया और तोड़फोड़ की और आग लगा दी। ढाका और ढाका के बाहर स्थित हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के आवासों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया है।