बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। इसके साथ ही उनके अन्य सहयोगियों के राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए गए हैं। राजनयिक पासपोर्ट रद्द होने के बाद शेख हसीना के लिए दूसरे देशों में जाना और भी मुश्किल हो गया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। पासपोर्ट रद्द करने के पीछे वजह बताई गई है कि शेख हसीना के खिलाफ अब तक 44 आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। इसके साथ ही अभी कुछ और मामले दर्ज हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उन पर प्रतिबंध लगाने के लिए उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द किया जाए।
अब हसीना का क्या होगा?
आपको बता दें कि शेख हसीना फिलहाल भारत में शरण लिए हुए हैं और वह कुछ अन्य देशों में भी शरण लेने की योजना के तहत काम कर रही हैं। बांग्लादेश की पिछली सरकार द्वारा उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद उनके लिए विदेश में शरण लेना मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ ही पिछली सरकार ने उनके कई सहयोगियों के राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए हैं, ताकि वे बांग्लादेश से भाग न सकें या फिर उनमें से कुछ जो विदेश गए हैं, वे दूसरे देशों की यात्रा न कर सकें।
हसीना के प्रत्यर्पण की मांग जोरों पर
हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। सूत्रों की मानें तो बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर विचार कर रही है। बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी यानी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, ताकि उन पर बांग्लादेश में मुकदमा चलाया जा सके। बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ हत्या समेत कई मामले दर्ज हैं। मंगलवार तक उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या करीब 25 पहुंच गई है। 5 अगस्त को बांग्लादेश में छात्रों का प्रदर्शन हुआ था, जिसमें करीब 100 लोगों की मौत हो गई थी। उस हंगामे के बाद शेख हसीना को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और 6 अगस्त को वे बांग्लादेश छोड़कर भारत भाग गईं।