यूपी के बांदा जिले की नरैनी तहसील में तैनात एसडीएम विकास यादव को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। मुख्यालय के राजस्व परिषद से संबंधित उनके स्थान पर नए एसडीएम सत्य प्रकाश को भेजा गया है। मामला शिक्षक एमएलसी डॉ. बाबूलाल तिवारी से जुड़ा बताया जा रहा है। इसके अलावा उनकी तहसील में कई फाइलें कदाचार के चलते रुकी हुई थीं, जिसके चलते सीएम योगी आदित्यनाथ हरकत में आए और यह कार्रवाई की गई। दरअसल मामला विधान परिषद सदस्य की फाइल लंबित रखने से जुड़ा है।
उन्होंने एसडीएम और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। निलंबन को इसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। शिक्षक एमएलसी डॉ. बाबूलाल तिवारी की लॉ कॉलेज की जमीन से जुड़ी फाइल पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। इसी तरह डॉ. बीआर अंबेडकर कॉलेज की जमीन को कृषि भूमि से गैर कृषि करने की फाइल भी 4 साल से कार्यालय में लंबित है। इस संबंध में तहसील स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। एक के बाद एक कमी बताकर मामले को लंबित रखा जा रहा था।
यह मामला मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में उठा था। इसके बाद एसडीएम नरैनी को तत्काल प्रभाव से मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनकी जगह एसडीएम सत्य प्रकाश को भेजा गया है, जो पहले भी नरैनी तहसील में कार्यरत रह चुके हैं। एसडीएम विकास यादव पर जनहित के कार्यों में रुचि न लेने और काम में उदासीनता दिखाने के साथ ही कदाचार का आरोप है। कई शिकायतों के बाद सीएम योगी ने कार्रवाई की है।