कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान गारंटी कार्ड योजना लाने का वादा किया था। इसे लेकर याचिका दायर की गई है। हालांकि, चुनाव आयोग पहले ही इस मामले में कार्रवाई करने से इनकार कर चुका है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कांग्रेस पार्टी के 99 सांसदों को अयोग्य घोषित करने और पार्टी का पंजीकरण निलंबित करने के साथ ही पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वोट के बदले 8500 रुपये देने का वादा किया था। यह नियमों के खिलाफ है।
सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह ने अधिवक्ता ओपी सिंह और शाश्वत आनंद की मदद से जनहित याचिका दायर की है। इस जनहित याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जनता को गारंटी कार्ड योजना के बारे में बताया था। इसके तहत गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को चुनाव के बाद जुलाई से उनके बैंक खातों में 8500 रुपये प्रति माह जमा कराने का वादा किया गया था। जो वादा लोकसभा चुनाव के बाद पूरी तरह झूठा निकला।
हर महीने पैसे देने का किया गया था
वादा याचिका में कहा गया है कि इस वादे के साथ कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को वोट देने वालों को हर महीने पैसे देने की गारंटी दी गई थी। इस वचन पत्र में वोट के बदले पैसे देने का लालच दिया गया था। कांग्रेस पार्टी के इस वचन पत्र पर अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही पावती रसीद भी है, जिससे लोगों को विश्वास हो गया कि उन्हें वोट देने के लिए पैसे मिलेंगे। इसको लेकर चुनाव आयोग ने 2 मई 24 को एडवाइजरी भी जारी की थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस पर अमल नहीं किया।
चुनाव आयोग ने नहीं की कार्रवाई
याचिकाकर्ता का कहना है कि कांग्रेस पार्टी का यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 121(1)(ए) का खुला उल्लंघन है। इसके साथ ही यह भारतीय न्याय संहिता और भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है। याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग को कार्रवाई करने के लिए प्रत्यावेदन दिया था, लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद यह जनहित याचिका दायर की गई है।