Friday, November 22, 2024
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पर्याप्त सबूत नहीं! माफिया अखंड प्रताप सिंह और 12 अन्य बरी, ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की 11 साल पहले हुई थी हत्या

मुजफ्फरपुर जिले के बहुराजचर्चित याचिकाकर्ता धन यादव की हत्या के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने पूर्व विधानसभा क्षेत्र और पूर्व ब्लॉक के प्रमुख विलक्षण प्रताप सिंह समेत 12 आरोपियों को दोषी करार दिया। यह निर्णय अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या 1 श्रीश चंद्रा स्टोक्स ने मंगलवार को चुना। इस जजमेंट के बाद अब पुलिस के कार्य प्रणाली पर प्रश्न पूछे जा रहे हैं कि अगर पुलिस ने निष्पक्ष रिटर्न की बात कही तो आज की घटना में शामिल होना शामिल है। इस मामले में पूर्व प्रमुखों में 12 कलाकारों को मूर्ति में जेल नहीं जाना गया।

वकील कि अभियोजन पक्ष के अनुसार वाराणसी में ग्राहकों का व्यवसाय करने वाले मेंहनगर क्षेत्र के टोडरपुर ग्राम निवासी धन यादव (35) पुत्र सत्यदेव की स्कार्पियो सवार पहलवान ने 11 मई 2013 की शाम करीब साढ़े पांच बजे उस समय गोली मार कर हत्या कर दी जब वह अपने पिता सहित चार लोग नारायणपुर गांव स्थित भोलाजी से लौट रहे थे। इस मामले में मृतक धनराज के भाई लाल यादव के खिलाफ तरवां ब्लॉक के पूर्व ब्लॉक के प्रमुख प्रतिपक्ष प्रताप सिंह सहित नौ लोगों के समूह और चार अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी. पुलिस को दी गई राइफल में बच्चे लाल यादव ने आरोप लगाया कि प्रधानी चुनाव में निराधार प्रताप सिंह अपने भाई से रैलियां निकाल रही थीं। अनुपम प्रताप सिंह के कारण उनके साथियों ने भाई धनराज यादव की हत्या कर दी और उनकी बंदूक भी छीन ली।

इस घटना में जांच के नाम पर खाना पकाने के लिए साइंटिस्ट के आधार पर पुलिस ने 13 दस्तावेजों के खिलाफ़ सांताक्रूज को बर्खास्त कर दिया। जबकि इनमें से कोई भी संकलन करने में पुलिस नाकाम रही। अभियोजन पक्ष की ओर से वादी बाललाल और संतोष यादव को समर्थक साक्षत्कार न्यायालय में दाखिल किया गया। बाद में कोर्ट ने न्यायहित में अपनी तरफ से नौ गवाहों को कोर्ट में तलब किया। बचाव पक्ष से पैरवी कर रहे वामपंथी हरिवंश यादव और सर्वजीत यादव ने बताया कि मुकदमे के दौरान एक आधारभूत कामता प्रसाद यादव की मौत हो गई। दोनों स्टार्स के मॉडलों को सुनने के बाद पुलिस की ओर से प्रमाण पत्र और सामी प्रमाण के अभाव में पूर्व प्रमुख सनातन प्रताप सिंह, अजय सिंह, सुनील सिंह पुत्र अयोध्या, दयाशंकर सिंह अमित सिंह चंदन सिंह, संतोष कुमार और आदर्श सुनील सिंह पुत्र, रमेश यादव , कृष्ण कुमार, मोनोलॉक टिंकू और प्रदीप सिंह कबूतरा को दोष मुक्त कर दिया गया।

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