बांग्लादेश में हालात खराब हैं। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर चली गई हैं। हसीना के देश छोड़ने के बाद फैली अराजकता में 100 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
ढाका: शेख हसीना के सोमवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद मची अफरातफरी के बीच देशभर में हिंसा की घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कई समाचार रिपोर्टों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ‘BDNews24.com’ समाचार पोर्टल ने बताया कि सोमवार को अशांति और रात भर तनावपूर्ण स्थिति के बाद मंगलवार सुबह ढाका में स्थिति मुख्य रूप से शांत रही। रिपोर्ट के अनुसार, सड़कों पर बसें और अन्य सार्वजनिक वाहन देखे गए और स्थानीय दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें खोलीं। समाचार पोर्टल ने बताया कि सरकारी वाहन दफ्तरों की ओर जाते देखे गए और सड़कों पर कई बैटरी चालित रिक्शा भी देखे गए।
हसीना ने इस्तीफा दिया, देश छोड़ा
बांग्लादेश में सोमवार को उस समय अफरातफरी फैल गई जब शेख हसीना ने अचानक प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सैन्य विमान से देश छोड़ दिया। हसीना के देश छोड़ने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोग उनके आवास में घुस गए और तोड़फोड़ और लूटपाट की। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में हसीना के आवास ‘सुधा सदन’ और अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया और उनमें तोड़फोड़ और आगजनी की। ढाका और उसके बाहर हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के आवासों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया।
हिंदू मंदिरों पर हमले
विभिन्न स्थानीय मीडिया संगठनों की रिपोर्टों के अनुसार, राजधानी और विभिन्न अन्य स्थानों पर हिंदू मंदिरों पर हमले, हिंसा और व्यापक लूटपाट में 119 लोग मारे गए हैं। बंगाली भाषा के दैनिक समाचार पत्र ‘प्रथम आलो’ ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में कम से कम 109 लोग मारे गए। इससे पहले, अखबार ने रविवार दोपहर 12 बजे तक 98 लोगों की मौत की सूचना दी थी और रविवार आधी रात को 16 और लोगों की मौत की सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि रविवार को कुल 114 लोगों की मौत हुई। अखबार ने कहा, “इसके साथ ही 16 जुलाई से कल तक 21 दिनों में हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 440 हो गई है।” इसने कहा कि सोमवार को सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच 37 शव ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए गए। अखबार ने अस्पताल सूत्रों के हवाले से बताया कि 500 घायलों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से कई को गोली लगी है।
यह भी जानें
‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार ने बताया कि सोमवार को पुलिस और दंगाइयों के बीच झड़प के बाद राजधानी के बाहरी इलाके धामराई और सावर में कम से कम 18 लोग मारे गए। इसने बताया कि सोमवार को राजधानी के उत्तरा में सादे कपड़ों में कुछ लोगों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर पर गोलीबारी करने से 10 लोगों की मौत हो गई। अखबार के मुताबिक, हबीगंज में छह, जेसोर में आठ, खुलना में तीन, बरिसाल में तीन, लक्ष्मीपुर में 11, कुश्तिया में छह, सतखीरा में तीन और गाजीपुर के श्रीपुर में छह लोगों की मौत हुई। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सोमवार देर रात सभी राजनीतिक दलों से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य बनाने में मदद करने का आग्रह किया और सशस्त्र बलों को लोगों की जान-माल और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया। ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र आंदोलन के कारण हुई हिंसा के कारण लंबे समय से बंद पड़े शिक्षण संस्थान मंगलवार को फिर से खुल गए, लेकिन ढाका के संस्थानों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम रही।