हाल ही में अमेरिका के हवाई द्वीप पर रिम ऑफ द पैसिफिक सैन्य अभ्यास 2024 संपन्न हुआ। इसमें 29 देशों के 40 सतही जहाज, तीन पनडुब्बियां, 14 देशों की थल सेनाएं, 150 से अधिक लड़ाकू विमान और 25 हजार से अधिक सैन्यकर्मियों ने हिस्सा लिया, लेकिन इस अभ्यास ने लोगों का ध्यान तब खींचा जब अमेरिका के एक कम कीमत वाले बम ने एक ही समुद्र में एक रिटायर्ड जहाज को डुबो दिया। यह पहला मौका था जब अमेरिकी वायुसेना ने अपने खतरनाक बी-2 बॉम्बर के साथ इस कम कीमत वाले बम का सफल प्रदर्शन किया। इसकी खासियत यह है कि बेहद छोटा दिखने वाला, खामोश और सस्ता यह बम सतही जहाज (जमीन और पानी पर चलने वाला जहाज) को आसानी से डुबो सकता है।
प्रशांत महासागर में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के सफल सैन्य अभियान से चीन टेंशन में आ गया है। दरअसल, पिछले कुछ सालों से अमेरिका और चीन साउथ चाइना सी और ताइवान को लेकर किसी न किसी तरह से आमने-सामने हैं। चीन को अमेरिका के इस छोटे से बम की चिंता जरूर होगी, जिसे क्विकसिंक नाम दिया गया है, क्योंकि कम लागत में बना यह बम समुद्र की सतह पर चल रहे किसी भी जहाज को पलक झपकते ही नष्ट कर सकता है। वहीं दूसरी ओर चीन अपने जहाजों से दक्षिण चीन सागर से लेकर ताइवान-फिलीपींस तक चीन को घेर रहा है।
अमेरिकी सेना ने कम लागत वाले इस बम को प्रशांत महासागर में चीन के साथ भविष्य में होने वाले युद्ध के लिए महत्वपूर्ण बताया है। अमेरिकी सेना से मिली जानकारी के अनुसार, इस कम क्षमता वाले बम ने अभ्यास में 820 फुट लंबे और 39,000 टन के उभयचर (जल-थल) जहाज को आसानी से नष्ट कर दिया। अमेरिकी वायुसेना ने इसे ‘क्विकसिंक’ नाम दिया है।
कम लागत वाले बमों की तत्काल जरूरत
अमेरिकी सेना ने 19 जुलाई की अपनी आम ब्रीफिंग में कहा कि उसकी यह क्षमता दुनिया भर के महासागरों की विशाल समुद्री सतह पर किसी भी खतरे को कम से कम लागत में तुरंत बेअसर करने की तत्काल जरूरत का जवाब है। उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने संपन्न हुए रिम ऑफ द पैसिफिक 2024 (RIMPAC) अभ्यास में अमेरिका के रिटायर्ड शिप तरावा को मार गिराया गया। वहीं, जब उसके साथ अमेरिका का B-2 बॉम्बर हो तो यह और भी भयावह हो जाता है। दरअसल, B-2 बॉम्बर किसी भी रडार को चकमा देते हुए युद्ध के मैदान में दुश्मन की सेना को तबाह करने की क्षमता रखता है।
इस बम की कुछ विशेषताएं-
- यह हवा से पनडुब्बी की टारपीडो जैसी मारक क्षमता रखने वाली, एक कम लागत वाली विधि है. यह एक भारी पनडुब्बी के टारपिडो से ज्यादा एरिया और बहुत तेज गति से कवर करता है.
- अमेरिकी वायु सेना ने पहली बार QUICKSINK का परीक्षण 2022 में किया था. तब यह मैक्सिको की खाड़ी में एक सी-सर्फेस जहाज को तबाह कर दिया था.
- अमेरिका का मानना है कि अगर इस बम को बी-2 बमवर्षक से लॉन्च किया जाता है, तो चीन की सेना पलक झपकते समंद्र में तबाह हो सकती है.
- अमेरिका अपने बी-2 बमवर्षकों को ताइवान, फिलीपींस और जापान के दक्षिणी द्वीप के आसपास तैनात कर रखा है. अगर इस बम का कॉम्बिनेशन बी-2 के साथ हो जाए तो चीन की सेना इन इलाकों संदिग्ध गतिविधियां करने से डरने लगेगी
- यूएस वायु सेना की वेबसाइट के अनुसार, इसे 1000 किलो वाले गाइडेड वॉरेहड से जोड़ा जा सकता है.
- अगर इस बॉम्बर को पनडुब्बी के टारपिडो से जोड़ दिया जाए तो इसे ‘एंटी शीप मारक क्षमता’ वाली मिसाइल बनाई जा सकती है.
- इस बम को गूंगा बम भी कहा जाता है.