Friday, November 22, 2024
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बस 2 दिन बाद… रॉकेट की गति से विनाश आ रहा है… क्या सब कुछ नष्ट हो जाएगा? NASA का प्रलय का अलर्ट

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) जैसे अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन लगातार अंतरिक्ष में हो रहे घटनाक्रमों पर नज़र रखते हैं। वे अंतरिक्ष में कुछ नए घटनाक्रमों की खोज करते हैं, उन पर शोध करते हैं और निष्कर्षों को प्रकाशित करते हैं। हाल ही में NASA ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। NASA ने पूरी धरती के लिए अलर्ट जारी किया है।
इस अलर्ट के मुताबिक, जल्द ही एक बड़ा क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकरा सकता है और धरती पर भारी हलचल मचा सकता है। इस क्षुद्रग्रह का नाम ‘अपोलो एमजी 1’ है। इसकी लंबाई बोइंग 767 विमान के बराबर है और इसका वजन कई गुना ज्यादा है। NASA के मुताबिक, करीब 220 फीट लंबा यह क्षुद्रग्रह अंतरिक्ष में 73 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम रहा है और धरती की ओर बढ़ रहा है।
तबाही मचा सकता है स्टेरॉयड
यह स्टेरॉयड 21 जुलाई 2024 को पृथ्वी के पास से गुजर सकता है। भारतीय मानक समय के अनुसार, यह घटना 22 जुलाई को सुबह 3:10 बजे होने की संभावना है। यह स्टेरॉयड पृथ्वी से लगभग 4.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी की ओर आ रहा है। इस स्टेरॉयड का नाम अपोलो अंतरिक्ष यान के नाम पर रखा गया है। इस स्टेरॉयड के विखंडन से बना स्टेरॉयड पृथ्वी से टकराकर तबाही मचा सकता है; लेकिन यह पृथ्वी के किस हिस्से से टकराएगा, यह पता नहीं है।
स्टेरॉयड को ट्रैक करने के लिए किया जा रहा है यह काम
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि जब स्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो वे 2013 में चेल्याबिंस्क आग जैसी तबाही मचाते हैं। 15 फरवरी 2013 को रूस के दक्षिणी यूराल क्षेत्र में स्थित इस शहर में एक बड़ा उल्कापिंड आया था और आग लग गई थी। हालांकि अपोलो एमजी1 के पृथ्वी से टकराने की संभावना कम है, लेकिन नासा के वैज्ञानिक इसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। नासा के वैज्ञानिक क्षुद्रग्रह को ट्रैक करने के लिए रडार सिस्टम और दूरबीनों का उपयोग कर रहे हैं। इस क्षुद्रग्रह की गति को देखते हुए इसके मार्ग में बदलाव की संभावना है।
इससे पहले क्षुद्रग्रह 2024 MT1 भी पृथ्वी के पास से गुजरा था। 8 जुलाई को यह क्षुद्रग्रह 65 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी के करीब आया था, लेकिन टकराया नहीं था। इसका व्यास करीब 260 फीट था। इसके अलावा 29 जून को एक उल्कापिंड भी पृथ्वी के करीब से गुजरा था।
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