Thursday, November 21, 2024
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लिंग विवाद के बीच ओलंपिक चैंपियन बनी ये बॉक्सर, जैविक पुरुष होने के लगे थे आरोप

अल्जीरियाई महिला मुक्केबाज इमान खलीफ ने पेरिस ओलंपिक 2024 में स्वर्ण पदक जीत लिया है। उन पर जैविक पुरुष होने का आरोप लगाया गया था।

पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला मुक्केबाजी स्पर्धा काफी विवादों में रही। यह विवाद तब पैदा हुआ जब इतालवी मुक्केबाज एंजेला कैरिनी और अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ महिला वेल्टरवेट वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में भिड़ गईं। आरोप लगाया गया कि एक महिला मुक्केबाज को एक पुरुष मुक्केबाज के खिलाफ खड़ा किया गया था। अल्जीरियाई मुक्केबाज इमान खलीफ पहले भी लिंग को लेकर विवादों में रही हैं। 2023 बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल मैच से कुछ घंटे पहले इमान खलीफ को लिंग के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था। लेकिन इन तमाम विवादों के बीच वह ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही हैं।

लिंग विवाद के बीच जीता गोल्ड

अल्जीरियाई महिला मुक्केबाज इमान खलीफ ने महिलाओं के 66 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड जीता। इमान ने चीन की यांग लियू के खिलाफ फाइनल मुकाबले में गोल्ड मेडल जीता। इमान खलीफ ने फाइनल भी एकतरफा जीता। गोल्ड मेडल के लिए खेले गए फाइनल में इमान ने चीन की यांग लियू को 5-0 से हराया। इमान खलीफ गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली अल्जीरियाई महिला मुक्केबाज हैं। उनके अलावा पुरुष वर्ग में अल्जीरिया के लिए सिर्फ होसीन सोलतानी ने गोल्ड मेडल जीता है।

इमान खलीफ के लिए पेरिस ओलंपिक का सफर काफी मुश्किल रहा है। पूरे ओलंपिक के दौरान उन्हें मर्द कहकर खूब ट्रोल किया गया। इन सब बातों को सहते हुए खलीफ ने अपने मैचों पर ध्यान केंद्रित रखा। जीत के बाद खलीफ ने हवा में मुक्का मारा और अल्जीरियाई झंडे के साथ विजय लैप लगाया और सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान वह काफी भावुक नजर आईं।

गोल्ड मेडल जीतने के बाद इमान खलीफ ने क्या कहा?

इमान खलीफ 25 साल की हैं। फाइनल मुकाबले के बाद बात करते हुए महिला मुक्केबाज ने कहा, ‘पिछले 8 सालों से यह मेरा सपना रहा है और अब मैं ओलंपिक चैंपियन और स्वर्ण विजेता हूं। खलीफ ने हाल ही में अपने लिंग विवाद को लेकर उठे पत्रकारों के सवाल का अनुवादक के जरिए जवाब देते हुए कहा, ‘मेरी यह सफलता मुझे उन हमलों के बाद और अधिक सुकून देती है। हम ओलंपिक में एक एथलीट के तौर पर प्रदर्शन करने के लिए मौजूद हैं और मुझे उम्मीद है कि भविष्य में हमें ओलंपिक में इस तरह के हमले देखने को नहीं मिलेंगे।’

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