आज हम आपको धार्मिक नगरी चित्रकूट के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां गोस्वामी तुलसीदास ने अखंड ज्योति जलाकर तपस्या की थी। आज भी इस मंदिर में उनके हाथों से जलाई गई ज्योति जल रही है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचते हैं और इस मंदिर में जाकर अखंड ज्योति को अपनी आंखों से देखकर उसकी पूजा करते हैं।
473 वर्षों से जल रही है ज्योति
हम बात कर रहे हैं धार्मिक नगरी चित्रकूट के रामघाट में बने तोता मुखी हनुमान मंदिर की, जहां गोस्वामी तुलसीदास द्वारा जलाई गई अखंड ज्योति आज भी जल रही है। यह ज्योति 473 वर्षों से जल रही है। मान्यता है कि गोस्वामी तुलसीदास भगवान श्री राम के दर्शन के लिए इस ज्योति को जलाकर तपस्या करते थे। आज भी यह ज्योति निरंतर जल रही है और इसे देखने के लिए श्रद्धालु इस मंदिर पहुंचते हैं और इस ज्योति को देखकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
पुजारी ने दी जानकारी
मंदिर के पुजारी मोहित दास ने जानकारी दी कि यह अखंड ज्योति है। तुलसीदास इसे जलाकर तपस्या करते थे। यह ज्योति 473 वर्षों से निरंतर जल रही है। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि चित्रकूट में अखंड ज्योति का बहुत महत्व है और दिवाली के दिन लाखों श्रद्धालु यहां आकर दीपदान करते हैं। उनका कहना है कि अखंड ज्योति के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में प्रकाश फैल जाता है। इसीलिए इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु चित्रकूट आते हैं।