गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल के अभियान ने पूरे गाजा पट्टी पर कहर बरपा दिया है। इजरायल और हमास के बीच युद्ध को नौ महीने से ज्यादा हो चुके हैं। दोनों के बीच जमीन और आसमान से लगातार हमले हो रहे हैं। आतंकी संगठनों के खिलाफ इजरायल के इस युद्ध में पूरा गाजा पट्टी मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। लोग अपने घर छोड़कर कैंपों में रहने को मजबूर हैं। इतनी मुसीबतों के बाद वहां के आम लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इजरायली हमले के बाद अब पोलियो वायरस ने भी गाजा पर हमला कर दिया है। गाजा पट्टी में पोलियो वायरस फैलने की रिपोर्ट के बाद आईडीएफ ने अपने सैनिकों और गाजा के निवासियों के लिए वैक्सीन अभियान शुरू करने का फैसला किया है। यह वायरस पीने के पानी या दूषित पानी के जरिए तेजी से फैल रहा है। पोलियो वायरस की रिपोर्ट के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने अलग-अलग इलाकों से सैंपल लेकर उनकी जांच की। जांच रिपोर्ट में पोलियो वायरस की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के आधार पर, आईडीएफ ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर यह निर्णय लिया है कि प्रभावित क्षेत्र में सैनिकों और इजरायली नागरिकों को वायरस के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए।
टेक्नोलॉजिकल एंड लॉजिस्टिक्स डायरेक्टोरेट ने नियमित और रिजर्व दोनों तरह के सैनिकों के लिए एक बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है। टीकाकरण वहां रहने वाले लोगों और सैनिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इसके अलावा, आईडीएफ ने सैनिकों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इजरायल डिफेंस फोर्स ने यह भी स्पष्ट किया कि जो सैनिक टीका नहीं लगवाना चाहता है, उस पर कोई दबाव नहीं है।
सैनिकों के लिए टीकाकरण अभियान के साथ-साथ डिफेंस फोर्स गाजा पट्टी में टीके लाने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ काम कर रहा है।
जब से इजरायल डिफेंस फोर्स ने गाजा में अभियान शुरू किया है, तब से अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से लगभग 3,00,000 पोलियो टीके गाजा पट्टी में भेजे गए हैं। ये टीके दस लाख से अधिक नागरिकों के लिए पर्याप्त हैं। वर्तमान में, क्षेत्र में सरकारी गतिविधि के समन्वयक के प्रमुख एमजी घासन एलियन गाजा पट्टी के नागरिकों के लिए अतिरिक्त पोलियो वैक्सीन खुराक के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संपर्क में हैं। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी आरोप लगाया है कि पोलियो के मामले सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक लड़ाई के बीच गाजा के जल उपचार संयंत्र ठप हो गए हैं और दूषित पानी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।