अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड केरल के विझिंजम पोर्ट के विकास पर 5 साल में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। अडानी पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक करण अडानी ने विझिंजम पोर्ट पर पहुंचे विशालकाय मदरशिप सैन फर्नांडो के स्वागत समारोह में यह घोषणा की। समारोह में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद थे।
विझिंजम पोर्ट के पहले चरण का गुरुवार को ट्रायल किया गया। इस ट्रायल प्रक्रिया के तहत 2,000 से अधिक कंटेनर लेकर एक बड़ा मैरस्क जहाज ‘सैन फर्नांडो’ बंदरगाह पर पहुंचा। बंदरगाह के पहले चरण का निर्माण पूरा होने वाला है और इसका व्यावसायिक उपयोग इसी साल सितंबर-अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। तीन चरणों में बन रहा यह बंदरगाह अपने तय समय से पहले पूरा हो जाएगा और 2028 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा।
5 साल में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। विझिंजम पोर्ट एक ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है, जिसे बड़े पैमाने पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से बनाया गया है। करण अडानी ने कहा कि पोर्ट के पहले चरण का काम तय समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा। हमारे पास पहले से ही 600 मीटर परिचालन लंबाई है और हम कार्गो के लिए 7,500 कंटेनर यार्ड स्लॉट तैयार कर रहे हैं। हमें पहले चरण में 10 मिलियन TEUs संचालन की उम्मीद है। हमें भरोसा है कि हम 15 लाख TEUs को संभालेंगे।
विझिंजम पोर्ट, भारत का पहला मेगाट्रांसशिपमेंट कंटेनर टर्मिनल है और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स से रणनीतिक रूप से केवल 10 समुद्री मील की दूरी पर है। यह भारत के सबसे गहरे बंदरगाहों में से एक है। यहां बड़े कंटेनर जहाजों को आसानी से खड़ा किया जा सकता है। इस बंदरगाह पर उन्नत क्रेन और तकनीक लगी हुई है, जो अभी तक भारत के किसी दूसरे बंदरगाह पर उपलब्ध नहीं है।
5,500 से ज्यादा रोजगार
अडानी ग्रुप ने कहा है कि वह एन्सिलरी विकास की भी योजना बना रहा है। जिसमें एक आधुनिक मछली पकड़ने का बंदरगाह, बैंकिंग सुविधाएं, एक बाहरी रिंग रोड, एक समुद्री फूड पार्क, क्रूज पर्यटन सुविधा और एक औद्योगिक कॉरिडोर शामिल है। इससे विझिंजम में 5,500 से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अध्ययन किया गया है।