उद्योगपति गौतम अडानी की अगुआई वाला अडानी ग्रुप दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार में उतर सकता है। अडानी ग्रुप की नजर दिवालिया हो चुके जेपी ग्रुप की संपत्तियों पर है। अडानी जेपी ग्रुप के रियल एस्टेट और सीमेंट कारोबार को खरीद सकता है। अडानी ग्रुप इन संपत्तियों के लिए 1 बिलियन डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) तक की बोली लगा सकता है। गौरतलब है कि जेपी ग्रुप पर देश के कई बैंकों का 50 हजार करोड़ रुपये बकाया है। जेपी ग्रुप की रियल्टी संपत्तियां जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के अंतर्गत आती हैं, जो ग्रुप की मुख्य कंपनी है।
जेपी ग्रुप की रियल एस्टेट होल्डिंग्स में ग्रेटर नोएडा में 452 एकड़ की जेपी ग्रीन्स टाउनशिप जैसी हाई-प्रोफाइल परियोजनाएं शामिल हैं, जिसमें लग्जरी विला, अपार्टमेंट और एक गोल्फ कोर्स शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी के पास नोएडा में 1,063 एकड़ में फैली जेपी ग्रीन्स विश टाउन नाम की टाउनशिप परियोजना और जेपी ग्रीन्स स्पोर्ट्स सिटी भी है, जिसमें यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बना मोटर रेसिंग ट्रैक भी शामिल है।
अडानी का रियल एस्टेट कारोबार अभी भी मुंबई तक ही सीमित है
अडानी ग्रुप का रियल एस्टेट कारोबार अभी भी मुंबई के आसपास ही फैला हुआ है। इसकी कीमत करीब 6,000 करोड़ रुपये है। कंपनी के पास धारावी स्लम के पुनर्विकास के लिए एक मेगा प्रोजेक्ट है। इसके अलावा, ग्रुप के पास बांद्रा में भी जमीन का एक बड़ा टुकड़ा है। हाल ही में ग्रुप ने बांद्रा रिक्लेमेशन में एक जमीन का टुकड़ा खरीदा है और मुंबई में कई संपत्तियों का पुनर्विकास भी किया है।
देश के सबसे बड़े रियल एस्टेट मार्केट में होगी एंट्री
अगर अडानी ग्रुप जेपी ग्रुप के रियल एस्टेट कारोबार को खरीदता है, तो अडानी देश के सबसे बड़े प्रॉपर्टी मार्केट में एंट्री करेगा। जेपी ग्रुप की रियल्टी संपत्तियां दिल्ली-एनसीआर में फैली हुई हैं, जिसमें कई प्रीमियम अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स, विला और गोल्फ कोर्स आदि शामिल हैं। जेपी की रियल एस्टेट संपत्तियों के अलावा अडानी ग्रुप अपनी सीमेंट इकाई के लिए भी बोली लगाने की तैयारी कर रहा है। दोनों कारोबार के अधिग्रहण के लिए अडानी ग्रुप के प्रस्तावित समाधान पैकेज में बैंकों और अन्य ऋणदाताओं को करीब 15,000 करोड़ रुपये की पेशकश की जा सकती है।