मैसूर के एसपी का कहना है कि ऐसा लगता है कि जिलेटिन की छड़ें सूअरों को मारने के लिए रखी गई थीं। यहां के लोग ऐसा करते हैं। हो सकता है कि कोई इसे अपने साथ लाया हो लेकिन भूल गया हो।
कर्नाटक के मैसूर में 9 जिलेटिन रॉड मिलने से हड़कंप मच गया। एक व्यक्ति ने इन रॉड को देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। बम निरोधक दस्ते को तुरंत मौके पर भेजा गया। इसके बाद पूरी सामग्री बरामद कर ली गई। हालांकि, पुलिस का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है। स्थानीय लोग इन चीजों का इस्तेमाल सूअरों को मारने के लिए करते हैं और यह किसी से छूट गई होगी।
मामला मैसूरु के नरसीपुरा का है। यहां फ्रेंड्स गेट होटल के पास बम निरोधक दस्ते ने नौ जिलेटिन की छड़ें और एक देसी बम बरामद किया है। एक स्थानीय राहगीर ने नीले रंग के प्लास्टिक बैग में ये सामग्री देखी और पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही बम निरोधक दस्ते को तुरंत मौके पर भेजा गया।
घबराने की बात नहीं- एसपी
मैसूर एसपी का कहना है कि कुछ जिलेटिन की छड़ें मिली हैं। इनका स्रोत अभी पता नहीं चल पाया है। ऐसा लग रहा है कि इनका इस्तेमाल सूअरों के शिकार के लिए किया जा रहा था। इन इलाकों के लोग इसी तरह के तरीके अपनाते हैं। हमने पहले भी ऐसा देखा है। कोई शिकार करने आया होगा तो भूलकर चला गया होगा। घबराने वाली कोई बात नहीं है। हालांकि, हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं।
क्या है जिलेटिन रॉड ?
जिलेटिन नाइट्रोसेल्यूलोज या गन कॉटन है, जिसे नाइट्रोग्लिसरीन या नाइट्रोग्लायकोल में तोड़कर इसमें लकड़ी की लुगदी या शोरा मिलाया जाता है। यह धीरे-धीरे जलता है, लेकिन डेटोनेटर्स के साथ आने पर भयंकर विस्फोट करता है। यह काफी सस्ता विस्फोटक पदार्थ है। जिलेटिन रॉड का उपयोग खदानों और कुएं की खुदाई में किया जाता है। यह काफी खतरनाक होता है और हादसे की आशंका को टालने के लिए इसे बालू की बोरी में रखा जाता है। ऐसे में विस्फोट होने पर भी यह किसी इंसान को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता।