सावन में शिव चित्रों में आभूषण भक्त भगवान शिव के शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। इन दिनों शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। विभिन्न जिलों के साईं बिहार में स्थित बड़े शिव मंदिर में स्थापित भगवान शिव और देवी पार्वती और विघ्नहर्ता श्रीगणेश की प्रतिमा एवं दिव्य लिंग के दर्शन होते हैं। संपूर्ण सावन में यहां भक्ति भाव से पूजा आरंभ की जाती है।
सावन माह के दिनों में बड़े शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है और भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है। सावन के दिनों में शिवलिंग पर जलाभिषेक और पुष्प लेकर मंत्रों का पाठ किया जाता है। इस मंदिर का सिद्धांत यह है कि बड़े प्राचीन शिव मंदिर पर सभी शिष्य मन से दर्शन करने आते हैं और 7 या 16 सोमवार का व्रत करते हैं, तो भगवान भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। पूर्ण होने पर कई सरल भगवान भोलेनाथ की स्वयं की इच्छा से पूजा-अर्चना भी की जाती है।
पंडित अतुल शर्मा के अनुसार बड़े शिव मंदिर में भगवान शिव विराजमान हैं। यहां महादेव के दर्शन से सभी मन की शांति मिलती है। उन्होंने स्वयं स्वप्न में एक बार भगवान भोले नाथ के दर्शन किये हैं। पंडित जी ने बताया कि यह मंदिर 25 साल पुराना है। इस मंदिर में भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और राम दरबार शामिल हैं। इसके अलावा यहां एक माता वैष्णोदेवी की अतुल्य चमत्कारी गुफा भी बनी हुई है, जिससे संबंधित कई सिद्धांत हैं।
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